Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Cyber Crime: साइबर अपराधियों के खिलाफ कारगर हथियार साबित हो रहा है 'प्रतिबिंब' पोर्टल, क्राइम में आई गिरावट

    By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Wed, 03 Jan 2024 09:30 PM (IST)

    Cyber Crime साइबर अपराधियों के खिलाफ प्रतिबिंब पोर्टल कारगर हथियार साबित हो रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान ही इस पोर्टल की मदद से झारखंड में एक महीने 454 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके परिणाम स्वरूप झारखंड इलाके से होने वाले साइबर अपराध में एक महीने के भीतर ही 20 फीसद से अधिक की गिरावट आई है।

    Hero Image
    साइबर अपराधियों के खिलाफ कारगर हथियार साबित हो रहा है 'प्रतिबिंब' पोर्टल (फाइल फोटो)

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। साइबर अपराधियों के खिलाफ 'प्रतिबिंब' पोर्टल कारगर हथियार साबित हो रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान ही इस पोर्टल की मदद से झारखंड में एक महीने 454 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके परिणाम स्वरूप झारखंड इलाके से होने वाले साइबर अपराध में एक महीने के भीतर ही 20 फीसद से अधिक की गिरावट आई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रतिबिंब पोर्टल को केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) ने तैयार किया है और इसकी मदद से किसी इलाके में सक्रिय साइबर अपराधियों की रियल टाइम जानकारी उस क्षेत्र के एसपी और एसएचओ को मिल जाती है।

    झारखंड में अपराधों में गिरावट दर्ज की गई

    आई4सी के सीईओ राजेश कुमार के अनुसार दिसंबर के पहले हफ्ते में झारखंड से कुल 31,228 साइबर अपराध रिपोर्ट हुए थे। लेकिन दिसंबर के पहले हफ्ते से पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरु किये गए प्रतिबिंब पोर्टल के कारण साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद वहां से शुरू होने वाले अपराधों में काफी गिरावट दर्ज की गई।

    एक हफ्ते में 24,264 साइबर अपराध रिपोर्ट हुए

    28 दिसंबर से तीन जनवरी के सप्ताह में कुल 24,264 साइबर अपराध ही रिपोर्ट हुए। राजेश कुमार ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट की सफलता से साफ है कि प्रतिबिंब साइबर अपराधियों को ढूंढकर उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने में सफल रहा है। उनके अनुसार बड़ी संख्या में गिरफ्तारी के बाद जामताड़ा और देवघर जैसे झारखंड के इलाकों में सक्रिय साइबर अपराधियों ने अपनी गतिविधियां बंद कर दी हैं या वहां से कहीं दूर भाग रहे हैं।

    नंबर के आधार पर अपराधी को पकड़ना संभव नहीं

    साइबर अपराधियों को पकड़ने में प्रतिबिंब की सफलता का राज बताते हुए राजेश कुमार ने कहा कि अभी तक साइबर अपराध की जांच पीड़ित के स्थान के स्थान पर होता था। दिल्ली पीड़ित अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन में साइबर अपराध की शिकायत करता था, लेकिन दिल्ली के किसी थाने के एसएचओ के लिए सिर्फ एक मोबाइल नंबर के आधार पर झारखंड में छुपे साइबर अपराधी को पकड़ना संभव नहीं था।

    प्रतिबिंब ने अब संभव बनाया

    प्रतिबिंब ने इसे अब संभव बना दिया है। राजेश कुमार ने कहा कि ज्वाइंट साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन टीम (जेसीसीटी) के मार्फत झारखंड के एसपी और एसएचओ को बता दिया गया है कि भले ही आपके इलाके में अपराध नहीं हो रहा हों, लेकिन अपराधी आपके इलाके में रहकर अपराध को अंजाम दे रहा है। इसीलिए उसके खिलाफ कार्रवाई आपके लिए आसान है और इसे करना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रतिबिंब को पूरे देश में लागू किया जाएगा। इससे देश में कहीं से भी साइबर अपराध करने वालों के उसके मूल स्थान पर ही गिरफ्तार किया जा सकता है।

    ये भी पढ़ें: Hit And Run Law: हिट एंड रन का जोखिम बड़ा, हादसे भी बढ़े और मौतें भी; आंकडों में समझें सड़क का जोखिम