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    Hit And Run Law: हिट एंड रन का जोखिम बड़ा, हादसे भी बढ़े और मौतें भी; आंकडों में समझें सड़क का जोखिम

    By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Wed, 03 Jan 2024 09:11 PM (IST)

    Hit And Run New Law भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में कड़ी सजा के प्रविधानों पर ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों की आशंकाएं कुछ भी हों सच्चाई यह है कि देश में सड़क सुरक्षा का यह सबसे गंभीर मसला है और सवालों के घेरे में वे तमाम ट्रक ड्राइवर भी हैं जो मनमाने तरीके से अपने वाहन चलाने के लिए जाने जाते हैं।

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    हिट एंड रन का जोखिम बड़ा, हादसे भी बढ़े और मौतें भी (फाइल फोटो)

    मनीष तिवारी, नई दिल्ली। भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में कड़ी सजा के प्रविधानों पर ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों की आशंकाएं कुछ भी हों, सच्चाई यह है कि देश में सड़क सुरक्षा का यह सबसे गंभीर मसला है और सवालों के घेरे में वे तमाम ट्रक ड्राइवर भी हैं जो मनमाने तरीके से अपने वाहन चलाने के लिए जाने जाते हैं।

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    नए प्रविधानों में हिट एंड रन के मामलों में दस साल तक की कैद और अधिकतम सात लाख रुपये जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। इसके विरोध में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल फिलहाल केंद्र सरकार के इस आश्वासन पर खत्म हो गई है कि नए प्रविधानों को चर्चा के बाद ही लागू किया जाएगा।

    बड़ी संख्या ट्रक और लारी ड्राइवरों की

    वैसे तो 2022 में पूरे देश में सड़क हादसों में 1.61 लाख लोगों की जान गई, लेकिन इसमें एक बड़ा हिस्सा (18.5 प्रतिशत) केवल हिट एंड रन के मामलों का है। 30,486 लोग केवल इसलिए अपनी जान से हाथ धो बैठे, क्योंकि उन्हें अथवा उनके वाहन को टक्कर मारने वाला ड्राइवर पुलिस को दुर्घटना की सूचना देने अथवा पीड़ित व्यक्ति या व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करने के बजाय मौके से भाग गया। इनमें बड़ी संख्या ट्रक और लारी ड्राइवरों की भी है।

    एक साल में 17 प्रतिशत से अधिक दुर्घटनाएं बढ़ीं

    आम धारणा को अलग भी कर दिया जाए तो विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि ट्रक और लारी जैसे भारी वाहन, जिसमें ट्रैक्टर भी शामिल हैं, सड़कों पर सबसे अधिक जोखिम उत्पन्न करते हैं। असम में बुधवार को ट्रक और बस की टक्कर में 12 लोगों की मौत इसका सबसे हालिया प्रमाण है। 2021 में हिट एंड रन के रूप में दुर्घटनाओं की संख्या 57,415 थी, जो एक साल में बढ़कर 67,387 हो गई। यानी 17 प्रतिशत से अधिक ऐसी दुर्घटनाएं बढ़ गईं।

    घायलों की संख्या 20 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी

    हिट एंड रन मे मरने वालों की संख्या 17.5 और घायलों की 20 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है। नए प्रविधानों के विरोध में सबसे आगे ट्रक ड्राइवरों अथवा ट्रांसपोर्टरों को इस तथ्य से भी चिंतित होना चाहिए कि जोखिम केवल उनके कारण ही नहीं, बल्कि उन पर भी है।

    ट्रक-लारी सवार 10,584 लोगों की जान हादसों में गई

    2022 में सड़क दुर्घटनाओं के संदर्भ में केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रक और लारी में सवार 10,584 लोगों की जान हादसों में गई। यह संख्या भी बढ़ती जा रही है। 2021 में 9476 ट्रक अथवा लारी पर सवार 9476 लोगों ने हादसों में जान गंवाई थी। इसका मतलब है कि एक साल में ही उन पर जोखिम दस प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया।

    ट्रक ड्राइवरों की यह चिंता जायज हो सकती

    ट्रक ड्राइवरों की यह चिंता जायज हो सकती है कि हिट एंड रन के मामलों में सख्ती के प्रविधानों का दुरुपयोग हो सकता है, क्योंकि देश में दुर्घटनाओं की जांच प्रक्रिया में वैज्ञानिक तौर-तरीके कम इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन वे इसकी अनदेखी नहीं कर सकते कि हिट एंड रन के मामलों में समय पर दी गई सूचना लोगों की जिंदगी बचा सकती है।

    कार और दूसरे वाहन चालकों को आपत्ति नहीं

    केवल इस आशंका से ट्रक ड्राइवर ही डरे हैं कि हादसे के बाद उनका मौके पर रुकना उनके लिए खतरनाक हो सकता है। हिट एंड रन के संदर्भ में नए प्रविधान सभी वाहन चालकों के लिए हैं, लेकिन कार अथवा दूसरे वाहन चालकों को नई व्यवस्था से आपत्ति नहीं है।

    केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि पीछे से टक्कर के सामान्य कारण ड्राइवरों की एकाग्रता में कमी, खतरनाक तरीके से पीछे कम दूरी पर चलने, घबराहट में रुकने की कोशिश हैं। इन्हें वाहन चलाने में कुशलता के साथ दुरुस्त किया जा सकता है।

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