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    किसानों के लिए आ गई बड़ी खबर, जल्द खुलेगा 'फसल औषधि केंद्र'; शिवराज सिंह ने बताया पूरा प्लान

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 11:21 PM (IST)

    केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ICAR की बैठक में कहा कि कृषि विकास की रणनीति विकसित कृषि संकल्प अभियान के सुझावों पर आधारित होगी। उन्होंने अमानक बीज खाद और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान लाने की बात कही और उर्वरकों की कीमतों को सही करने की आवश्यकता पर जोर दिया। शिवराज सिंह चौहान ने जन औषधि केंद्र की तरह फसल औषधि केंद्र खोलने का भी प्रस्ताव रखा।

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    देश जल्द खुलेगा 'फसल औषधि केंद्र'। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की 96वीं वार्षिक आम बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान में आए सुझाव के आधार पर कृषि विकास की रणनीति बनेगी।

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    अमानक बीज, खाद, कीटनाशक एवं उर्वरक गंभीर विषय है, जिसे लेकर सरकार जल्द कड़ा कानूनी प्रविधान लाएगी। उर्वरकों के मूल्य पर भी काम करने की जरूरत है। सही कीमत तय होनी चाहिए।

    देश में खुलेगा फसल औषधि केंद्र

    शिवराज ने जन औषधि केंद्र की तरह फसल औषधि केंद्र खोलने की बात कही। उन्होंने किसानों की उपयोगिता और मांग आधारित शोध की जरूरत पर जोर दिया। बैठक में आइसीएआर की वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई। साथ ही कृषि से संबंधित चार पुस्तकों का विमोचन किया गया। इस दौरान राज्यों के कृषि मंत्री एवं अधिकारी भी मौजूद थे। सबने भविष्य में खेती और किसान समृद्धि के लिए एकजुट होकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।

    इन फसलों में अधिक शोध की जरूरत

    शिवराज ने कहा कि सोयाबीन, दलहन, तिलहन में अधिक शोध एवं काम करना होगा। गेहूं, चावल एवं मक्के के साथ अन्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि के लिए काम करना है। इसके लिए राज्यवार एवं फसलवार योजना बनाई जाएगी। केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंच रहा है या नहीं, इसका भी निरीक्षण किया जाएगा।

    'राज्यों के साथ मिलकर किसानों के लिए'

    शिवराज ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है। केंद्र को उनके साथ ही मिलकर काम करना होगा। राज्यों के सहयोग के बिना कृषि की उन्नति के प्रयास अधूरे हैं। खाद्यान्न के मामले में भारत रिकॉर्ड कायम कर रहा है। अन्न के भंडार भर रहे हैं। कभी हम अनाज आयात करते थे। आज निर्यात कर रहे हैं।

    कृषि मंत्री ने कहा कि रबी फसल से पहले राज्यों के साथ मिलकर फिर से 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के जरिए किसानों तक विज्ञान को ले जाने की कोशिश होगी। रबी सम्मेलन दो दिन को होगा। पहले दिन रूपरेखा तय होगी, दूसरे दिन राज्यों के कृषि मंत्री तय रूपरेखा को अनुमोदित करते हुए अंतिम कार्ययोजना को रूप देंगे।

    वैज्ञानिकों से क्या बोले कृषि मंत्री?

    शिवराज सिंह ने वैज्ञानिकों से कहा कि उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियों पर भी काम करना होगा। अनुसंधान की रूपरेखा चुनौतियों एवं उनके समाधान के मद्देनजर तय करें। किसानों की ओर से ऐसे उपकरण बनाने की मांग आ रही है, जो उर्वरकता की जांच कर सके और बता सके कि तय मापदंड के अनुसार उर्वरक की गुणवत्ता है या नहीं। उर्वरक उपयोगी है या नहीं।

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