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SC: कोर्ट ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों से बेघरों से जुड़े मुद्दों पर मांगा जवाब

SC पीठ ने कहा कि हम निराशावादी नहीं हो रहे लेकिन इस देश में आबादी का जिस तरह का दबाव है उसे देखते हुए आप आज जो भी करें या एक-दो साल बाद जो भी करें तब भी कुछ कमी रहेगी।

By AgencyEdited By: Shashank MishraPublished: Tue, 11 Oct 2022 11:29 PM (IST)Updated: Tue, 11 Oct 2022 11:29 PM (IST)
SC: कोर्ट ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों से बेघरों से जुड़े मुद्दों पर मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित पक्षों से तीन सप्ताह में जानकारी देने को कहा।

नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बेघर लोगों और आश्रय गृहों की संख्या से जुड़े मुद्दों पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने और आने वाली सर्दी के मौसम के लिए इस बाबत उनकी योजना बताने को कहा। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अदालत के समक्ष इन मुद्दों को प्रस्तुत किया था। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ शहरों में बेघर लोगों के संबंध में याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। पीठ को बताया गया कि शहरी क्षेत्रों में आश्रय गृहों या रैन बसेरों की संख्या बहुत कम है।पीठ में जस्टिस एस आर भट्ट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी भी शामिल रहे।

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प्रशांत भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत का हस्तक्षेप उपयोगी रहा

पीठ ने कहा कि हम निराशावादी नहीं हो रहे लेकिन इस देश में आबादी का जिस तरह का दबाव है, उसे देखते हुए आप आज जो भी करें, या एक-दो साल बाद जो भी करें, तब भी कुछ कमी रहेगी। पीठ ने कहा कि हमारी इतनी बड़ी आबादी, दुर्भाग्य से बिना किसी गुजारे के, बिना साधनों के बेघर जीने को मजबूर है।

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शीर्ष अदालत ने सुझाया कि इन मुद्दों का समाधान संबंधित उच्च न्यायालयों के माध्यम से निकालना उचित होगा। एक याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि मामले में शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप के उपयोगी प्रभाव रहे हैं।

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