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    विशाखापट्टनम में खुला देश का सबसे लंबा ग्लास स्काईवॉक, हवा में तैरने जैसा मिलेगा अनुभव

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 03:26 PM (IST)

    विशाखापट्टनम के कैलासागिरी हिलटॉप पर देश का सबसे लंबा ग्लास स्काईवॉक खोला गया है। यह स्काईवॉक समुद्र तल से एक हजार फीट ऊपर है और हवा में तैरने जैसा अनुभव कराता है। 7 करोड़ रुपये की लागत से बने इस स्काईवॉक से बंगाल के समुद्र और ईस्टर्न घाट का 360-डिग्री नजारा दिखता है। सुरक्षा के लिए इसमें विशेष कांच का उपयोग किया गया है और सीमित लोगों को ही प्रवेश मिलेगा।

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    विशाखापट्टनम में खुला देश का सबसे लंबा ग्लास स्काईवॉक (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। समुद्र से करीब एक हजार फीट ऊपर हवा में चलते हुए नीचे गहराई देखना कैसा लगेगा? यही रोमांच अब विजाग के नए ग्लास स्काईवॉक पर मिल रहा है। कैलासागिरी हिलटॉप पर बना यह स्काईवॉक आज औपचारिक रूप से खोला गया और इसे देश का सबसे लंबा कैंटिलीवर ग्लास स्काईवॉक माना जा रहा है।

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    शहर के सांसद भरत ने इसका उद्घाटन किया। खूबसूरत लोकेशन और अनोखी डिजाइन के कारण यह जगह अब विजाग के पर्यटन में एक बड़ा आकर्षण बन गई है। करीब 7 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया यह स्काईवॉक दिसंबर की छुट्टियों में पर्यटकों के लिए खास आकर्षण बनने वाला है।

    स्काईवॉक की खासियत

    यह स्काईवॉक 50 मीटर लंबा है और इसका बड़ा हिस्सा चट्टान से बाहर निकला हुआ है, जिसके नीचे कोई सहारा नहीं है। इसी वजह से यहां खड़े होकर हवा में तैरने जैसा एहसास होता है। यह जगह 862 फीट जमीन से ऊपर और लगभग एक हजार फीट समुद्र तल से ऊपर है। कांच की पारदर्शी फर्श से नीचे गहरी घाटी साफ दिखाई देती है।

    आसपास का 360-डिग्री नजारा इसकी सबसे बड़ी खूबी है, एक तरफ दूर तक फैला बंगाल का समुद्र और दूसरी तरफ शहर का नजारा और हरे-भरे ईस्टर्न घाट्स की पहाड़ियां। फोटोग्राफी पसंद करने वालों के लिए सूर्योदय और सूर्यास्त का गोल्डन ऑवर यहां बेहद शानदार माना जा रहा है।

    शुरुआत में सिर्फ इतने लोगों की मिलेगी एंट्री

    स्काईवॉक में 40 मिमी मोटा, ट्रिपल-लेयर्ड टेम्पर्ड लैमिनेटेड ग्लास लगाया गया है, जो जर्मनी से मंगाया गया है। इसे 40 टन रिइनफोर्स्ड स्टील से सपोर्ट दिया गया है ताकि तेज हवाओं और तटीय मौसम में भी संरचना मजबूत बनी रहे।

    भीड़ न बढ़े और हर पर्यटक को अच्छा अनुभव मिले, इसलिए शुरुआत में 20-40 लोगों के छोटे ग्रुप को ही 10-15 मिनट के लिए अंदर जाने दिया जाएगा। इससे लोगों को बिना जल्दबाजी के शानदार नजारे देखने का मौका मिलेगा।

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