Coronavirus Vaccine India: खुशखबरी, देश की दूसरी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू
Coronavirus Vaccine India देश की दूसरी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के इंसानों पर परीक्षण के लिए 1000 लोगों को शामिल किया गया है। इसके लिए देश में कई सेंटर बनाए गए हैं।
नई दिल्ली, एजेंसियां। Coronavirus Vaccine India, कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। भारतीय फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने अपने कोविड-19 वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने ट्रायल में 1,048 लोगों को शामिल किया है। कंपनी ने बताया कि वैक्सीन जायको वी-डी के ह्यूमन ट्रायल में यह जांचा जाएगा कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित है। ट्रायल के दौरान वैक्सीन की इम्यूनोजेनिसिटी को भी परखा जाएगा।
इम्यूनोजेनिसिटी का अर्थ है कि वैक्सीन की मदद से शरीर का इम्यून सिस्टम वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए किस तरह तैयार होता है। इम्यून सिस्टम को प्रोत्साहित करने की वैक्सीन की क्षमता इम्यूनोजेनिसिटी के आधार पर मापी जाती है।इस महीने की शुरुआत में ही जायडस को वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी मिली थी। यह दूसरी भारतीय कंपनी है जिसने वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया है। इससे पहले भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी मिल चुकी है। भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर टीका विकसित किया है।
अलग-अलग चरणों में होगा ट्रायल
क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री- इंडिया (सीटीआरआइ) के मुताबिक, क्लीनिकल स्टडी दो मानकों पर आधारित होगी -इन्क्लूजन एवं एक्सक्लूजन। इन्क्लूजन क्राइटेरिया को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में 18 से 55 साल के स्वस्थ महिलाओं व पुरुषों को शामिल किया गया है। उन्हें पूरे ट्रायल के दौरान उपलब्ध रहना होगा। दूसरे चरण में 12 साल या इससे ज्यादा उम्र के स्वस्थ वॉलंटियर होंगे। बच्चों के मामले में उनके अभिभावकों की मंजूरी ली जाएगी। वहीं एक्सक्लूजन क्राइटेरिया में वॉलंटियर के तौर पर जुड़ने के लिए सामान्य तौर पर स्वस्थ होने के अतिरिक्त भी सेहत से जुड़ी कुछ शर्ते होंगी। यह ट्रायल भी दो चरणों में चलेगा।पहले चरण में 84 दिन तक यह देखा जाएगा कि टीका स्वस्थ लोगों के लिए कितना सुरक्षित है। दूसरे चरण में 224 दिन तक वैक्सीन की इम्यूनोजेनिसिटी को जांचा जाएगा।
अमेरिका में वैक्सीन की फाइनल टेस्टिंग की तैयारी
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन के उत्साहजनक नतीजे मिले हैं। कंपनी का कहना है कि मार्च में 45 वॉलंटियर पर किया गया परीक्षण उम्मीद के अनुरूप रहा है। वैक्सीन से वॉलंटियर्स के शरीर में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी बन गए, जो संक्रमण को रोकने में भूमिका निभाते हैं। उनके शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा लगभग उतनी ही पाई गई, जितनी कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों के शरीर में होती है। अब 27 जुलाई से कंपनी इस वैक्सीन की फाइनल टेस्टिंग की ओर कदम बढ़ाएगी। इसमें 30,000 लोगों पर परीक्षण किया जाएगा और यह परखा जाएगा कि टीका कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने में कितना कारगर है।