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Positive India : IIT मुंबई ने कोरोना से लड़ाई के लिए बनाया ऐप, मेघालय कर रहा इस्तेमाल

कोरोना से लड़ाई में पूरा देश हर तरीके से अपना योगदान दे रहा है। कोई सड़कों पर फंसे लोगों की मदद कर रहा है तो वैज्ञानिक भी अपने नए प्रयोगों और खोजों से देश की मदद करने में लगे हैं।

By Vineet SharanEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 08:52 AM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 08:59 AM (IST)
Positive India : IIT मुंबई ने कोरोना से लड़ाई के लिए बनाया ऐप, मेघालय कर रहा इस्तेमाल
Positive India : IIT मुंबई ने कोरोना से लड़ाई के लिए बनाया ऐप, मेघालय कर रहा इस्तेमाल

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। कोरोना से लड़ाई में पूरा देश हर तरीके से अपना योगदान दे रहा है। कोई सड़कों पर फंसे लोगों की मदद कर रहा है तो कोई लोगों तक जरूरत के सामान पहुंचाने में सहायता कर रहा है। उधर, वैज्ञानिक भी अपने नए प्रयोगों और खोजों से देश की मदद करने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में स्ट्रैटेजिक ईआरपी ने आईआईटी मुंबई के साथ ऐसे ऐप का निर्माण किया है, जो कोरोना से लड़ाई में खासा कारगर साबित हो रहा है। स्ट्रैटेजिक ईआरपी के मुताबिक, मेघालय ने इस ऐप का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है।

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कोरोनटाइन ऐप

आईआईटी मुंबई ने कोरोनटाइन (CORONTINE) नाम का ऐप बनाया है। इससे पता लगेगा कि कोराना से संक्रमित व्यक्ति कहां-कहां घूम रहा है। जीपीएस के माध्यम से यह लगाना संभव हुआ है। इसके अलावा, क्वारंटीन पीरियड में रह रहा कोई व्यक्ति अपने घर या जहां उसे रखा गया है, वो जगह छोड़कर कहीं बाहर जाता है तो इसे ट्रैक किया जा सकता है। अगर कोई यूजर एक निश्चित जगह पर स्थित क्वारंटीन जोन से बाहर निकलता है तो एप्लीकेशन सर्वर को एक मैसेज चला जाता है। यह ऑटो डिटेक्ट करता है। इस ऐप को आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर गणेश रामाकृष्णन और प्रोफेसर मंजेश हनावल ने आईआईटी मुंबई के एलमुनी और स्ट्रैटेजिक ईआरपी के एमडी अश्विन गामी ने साथ मिलकर बनाया है।

जियो फेंसिंग टेक्नोलॉजी

अश्विन गामी ने बताया कि इस ऐप में जियो फेंसिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। अश्विन ने बताया कि ऐप समय-समय पर यूजर की जीपीएस लोकेशन की जानकारी सुपरवाइज कर रही एजेंसी के सर्वर पर पहुंचाती रहेगी। उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर कहें तो यह ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और अलर्ट का कंबिनेशन है। इसके अलावा यह ऐप कई भाषाओं में उपलब्ध है।

स्ट्रैटेजिक ईआरपी के प्रफुल्ल गामी ने बताया कि मेघालय ने इस ऐप का प्रयोग कर काफी सफलता प्राप्त की है। होम क्वारनटीन के दौरान लोगों की मॉनिटरिंग के लिए मेघालय ने इस ऐप का प्रयोग किया है। प्रफुल्ल ने बताया कि मेघालय के शिलांग के बेथने अस्पताल, साथ ही जो लोग कोरोना प्रभावित व्यक्ति के प्राइमरी और सेकेंडरी संपर्क में आए होते हैं, उनके लिए ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही मेघालय में होम क्वारनटीन लोगों को भी ऐप डाउनलोड करने को कहा गया है, ताकि उनको राशन बेहतर तरीके से मुहैया कराया जा सके।

टेलीकॉम सेक्टर के साथ भी चल रहा काम

आईआईटी मुंबई की प्रवक्ता फाल्गुनी बनर्जी के अनुसार शुरुआत में इस ऐप को आईआईटी मुंबई के वनविहार गेस्टहाऊस और आईआईटी मुंबई के सीएसओ दफ्तर में क्वारनटाइन लोगों के मोबाइल में इंस्टाल किया गया। इसका प्रयोग उड़ीसा सरकार ने भी किया है। हम बीएमसी से इसके प्रयोग को लेकर वार्ता कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार इस ऐप के कई फीचर कोरोना से लड़ाई में खासे अहम हैं। स्ट्रैटेजिक ईआरपी के अश्विन गामी ने बताया कि आगे चलकर इसके माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि आप किसी कोरोना प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आए। फाल्गुनी बनर्जी के अनुसार टेलीकॉम सेक्टर के साथ कोरोनटाइन टीम काम कर रही है।  


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