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    जम्मू-कश्मीर: बेकाबू भीड़ ने दो पुलिसकर्मियों समेत गाड़ी को नदी में फेंका, एक की मौत

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Sun, 10 Jul 2016 05:32 PM (IST)

    आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में हालात अभी भी तनावपूर्ण है। यहां अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि इस बीच अमरनाथ यात्रा को दोबारा शुरू कर दिया गया है।

    कश्मीर,(जागरण संवाददाता)। आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद रविवार को भड़की हिंसा में एक पुलिसवाले समेत तीन लोगों की मौत हो गई है। इसी के साथ अब तक इस मामले में मरनेवालों की कुल संख्या 18 हो गई जबकि करीब 200 लोग इस प्रदर्शन में घायल हुए हैं।

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    रविवार को हिंसक भीड़ ने अनंतनाग के पास संगम पुल पर पुलिस के एक मोबाइल बंकर को झेलम नदी में फेंक दिया है। संबधित सूत्रों के मुताबिक बंकर में मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह खुद को समय रहते बचाया। लेकिन एक पुलिसकर्मी बंकर में ही रह गया था। जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं अमरनाथ दूसरे दिन भी शुरू नहीं हो सकी हालांकि जो यात्री फंसे हुए थे उन्हेें वहां से बाहर निकाला गया।

    राज्य सरकार के प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा है कि सरकार राज्य में हालात काबू करने की कोशिश में लगी है। उन्होंने सरकार के नुमांइदों के अलावा सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वह राज्य में हालात काबू में लाने और शांति बहाल करने में सरकार की मदद करें। साथ ही उन्होंंने प्रदर्शनकारियों से भी अपील की है कि वह अपने भविष्य की ओर देखें और विकास की राह पर अग्रसर हों। अख्तर ने कहा कि चीफ सेक्रेट्री और राज्य के डीजीपी ने कैबिनेट को बताया है कि हालात को काबू करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

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    कई जगहों पर लगा कर्फ्यू

    राज्य में कई जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है। कुलगाम, अनंतनाग, त्राल, कोकरनाग और 7 पुलिस थाना इलाके में प्रशासन द्वारा कर्फ्य लगाया गया है। वहीं अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक की स्थिति में सुधार नहीं होगा, तब तक इंटरनेट की सेवा चालू नहीं होगी।

    कश्मीर की स्थिति पर केंद्र की नजर

    जम्मू-कश्मीर में आतंकी बुरहान की मौत के बाद प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार लगातार नजरें गड़ाए बैठी है। राज्य सरकार को पूरी सतर्कता के साथ हर मुद्दे से निपटने की सलाह दी गई है। केंद्र से हर मदद का भी आश्वासन दिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री पहले ही जम्मू में हैं। वह तो लगातार प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं हीं, गृहमंत्रालय से भी महबूबा सरकार को सतर्कता के साथ स्थिति से निपटने की सलाह दी गई है।

    'रोजगार की तरफ देखें नौजवान'

    सीआईडी के एडीजी एसएम सहाय ने कहा कि हम नौजवानों को रोजगार और शिक्षा की तरफ आगे बढ़ते देखना चाहेंगे। हमारा मकसद किसी आतंकी का कत्ल करना नहीं है। हम तो आतंकी से सरेंडर करने या उसकी गिरफ्तारी की कोशिश करते हैं। हम लोगों से नौजवनों पर नियंत्रण रखने की अपील करते हैं। हमें कश्मीर को विकास की तरफ ले जाना होगा।

    श्रद्धालुओं पर पथराव

    शनिवार रात कश्मीर में उग्र भीड़ ने अमरनाथ श्रद्धालुओं के कई वाहनों पर पत्थरबाजी की। पथराव में दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हुए और कई श्रद्धालु घायल हुए। सभी श्रद्धालु किसी तरह से वहां बच निकले।

    दिल्ली के निवासी सौरभ व विनोद कुमार के साथ गुजरात से सागर, संतोष, गोविंद व निलेश, चंडीगढ़ से आए राजबीर ढिल्लों व गुरजीत मान व अन्य श्रद्धालु बुरी तरह से सहमे हुए थे। उन्होंने बताया कि दर्शन करने के बाद वह जब आधार शिविरों से रवाना हुए तो स्थिति बिलकुल सामान्य थी, मगर रात को अचानक ही सबकुछ बदल गया। लोग लाठियां और पत्थर लेकर सड़कों पर उतर आए। श्रद्धालुओं के वाहनों को भी निशाना बनाया गया।

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    पाकिस्तान जिंदाबाद के लगवाए नारे

    श्रद्धालुओं ने कहा कि भीड़ का एक ही मकसद था अमरनाथ यात्रा के वाहनों को अपना निशाना बनाना। कई वाहनों को घेरकर उसमें सवार पुरुष, बच्चों और महिलाओं तक से मारपीट की गई। इसके बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने को कहा गया और न लगाने पर जान से मारने की धमकियां दी गई। नारे लगवाने के बाद भीड़ ने मारपीट के बाद छोड़ा। उन्होंने कहा कि गुजरात के श्रद्धालुओं को तो मोदी का शहर का बता कर उनके साथ और भी ज्यादा मारपीट की गई।

    हिंसक भीड़ ने फूंके कई वाहन

    जान बचा कर लौटे श्रद्धालुओं ने बताया कि कई वाहनों को भीड़ ने जला दिया। जलते वाहनों को देख उनका डर और भी बढ़ गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऊधमपुर जिला का कोई वाहन घाटी में नहीं आना चाहिए। आने पर तोड़ दिया जाएगा।

    मदद के लिए नहीं आई पुलिस

    श्रद्धालुओं ने बताया कि अवंतीपोरा में जब उनके वाहन पर भीड़ ने हमला किया, तो उन्होंने पुलिस मदद के लिए 100 नंबर डायल किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। टनल के दूसरी तरफ सड़क पर न अर्धसैनिक बल के जवान दिख रहे थे, न सेना के और पुलिस वालों से मदद मांगते ही डर लगता था। किसी तरह बच बचा टनल पार करने पर उनकी जान में जान आई और राहत की सांस ली।

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