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    तमिल कवि ने भगवान राम पर की आपत्तिजनक टिप्पणी, कहा- सीता के वियोग में...

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 03:58 PM (IST)

    तमिल गीतकार वैरामुथु के एक बयान पर विवाद छिड़ गया है जिसमें उन्होंने भगवान राम को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कंब रामायण का हवाला देते हुए कहा था कि सीता से अलग होने के बाद भगवान राम अपना विवेक खो बैठे थे। भाजपा ने इस बयान की कड़ी निंदा की है और वैरामुथु पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।

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    भाजपा ने तमिल गीतकार और कवि वैरामुथु के बयान पर आपत्ति जताई है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिल गीतकार और कवि वैरामुथु के एक बयान से बवाल शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।

    एक कार्यक्रम में बोलते हुए कवि वैरामुथु ने कंब रामायण (दक्षिण भारत में प्रचलित महाकाव्य) का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान राम अपनी पत्नी, देवी सीता से अलग होने के बाद 'अपना विवेक खो बैठे' थे।

    वैरामुथु ने कहा, "देवी सीता से अलग होने के बाद, भगवान राम अपने सुध बुध खो गए थे, उन्हें पता ही नहीं था कि वे क्या कर रहे हैं। इसलिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 84 के तहत, मानसिक अस्थिरता के कारण किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य अपराध नहीं माना जाता है।"

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    वैरामुथु ने कहा, "कंबन को भले ही कानून का ज्ञान न हो, लेकिन वे समाज और मानव मन को जानते थे।"

    उन्होंने आगे कहा, "राम को पूरी तरह से बरी कर दिया गया है, माफ कर दिया गया है, जिससे राम एक इंसान बन गए हैं और कंबन दिव्य।"

    भाजपा ने किया पलटवार

    इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता सीआर केसवन ने एक्स पर पोस्ट किया, "वैरामुथु रामासामी पवित्र हिंदू देवताओं का अपमान करने और हिंदू धर्म का घोर दुरुपयोग करने के मामले में एक घृणित और बार-बार अपराध करने वाले व्यक्ति हैं। अब वैरामुथु ने कंब रामायण की गलत व्याख्या करते हुए भगवान राम को मानसिक रूप से अस्थिर कहा है।"

    उन्होंने आगे कहा, "वैरामुथु ने कंब रामायण की गलत व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान राम अपना विवेक खो चुके हैं, इसलिए उन्हें आईपीसी की धारा 84 के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता। वैरामुथु एक कलंक हैं और उन्हें भगवान राम और हिंदू धर्म के करोड़ों भक्तों से तुरंत माफी मांगनी चाहिए।"

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