'अंग्रेजों के दलाल थे राजा राम मोहन राय...', MP के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान; वीडियो वायरल
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का दलाल बताया। उन्होंने कहा कि राय अंग्रेजी शासन के षड्यंत्र का हिस्सा थे, जिसके तहत मिशनरी स्कूलों से धर्मांतरण कराया जा रहा था। मंत्री ने बिरसा मुंडा को धर्मांतरण के खिलाफ सबसे बड़ा योद्धा बताया, जिन्होंने आदिवासी समाज को बचाया। कार्यक्रम में पीएम मोदी के भाषण का प्रसारण हुआ।
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MP के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान वीडियो वायरल (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का दलाल बताया। कहा कि अंग्रेजी शासन मिशनरी स्कूलों के जरिए लोगों की आस्था बदलने का कुचक्र चला रहा था। इसी साजिश का हिस्सा राजा राममोहन राय भी थे।
दावा किया कि धर्मांतरण के खिलाफ सबसे बड़ा संघर्ष बिरसा मुंडा ने किया और आदिवासी समाज को बचाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। उस दौर में अंग्रेजों के संचालित मिशनरी स्कूल ही शिक्षा का साधन थे, जहां धर्मांतरण की कोशिशें होती थीं। कई लोगों को अंग्रेजों ने फर्जी समाज सुधारक बनाकर पेश किया।
किसे बताया अंग्रेजों का दलाल?
इसी क्रम में उन्होंने राजा राममोहन राय को “अंग्रेजों का दलाल” बताया। मंत्री परमार बोले की पूर्ववर्ती सरकारों ने असली आदिवासी नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को दबाया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने धर्मांतरण की राह आसान की, उन्हें महान बताया गया और असली वीरों को पीछे रखा गया।
मध्यप्रदेश के आगर मालवा में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का दलाल बताया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासन मिशनरी स्कूलों के जरिए लोगों की आस्था बदलने का कुचक्र चला रहा था। pic.twitter.com/fSRVVQqP4M
— Swaraj Srivastava (@SwarajAjad) November 15, 2025
कार्यक्रम सामुदायिक भवन गांधी उपवन में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि उच्चशिक्षा मंत्री परमार ने भगवान बिरसा मुंडा को शौर्य एवं पराक्रम का अद्वितीय प्रतीक बताया। कहा कि बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम की अलख जगाई और समाज को संगठित कर मातृभूमि के लिए बलिदान देने वाले अनेक सेनानी तैयार किये।
पीएम का उद्बोधन सुना गया
उन्होंने आदिवासी समाज को जल, जंगल औ जीन के अधिकार दिलाने के लिए कठोर संघर्ष किया। मात्र 15 वर्ष की आयु में आंदोलन की शुरुआत कर 25 वर्ष की अल्पायु में क्रांति की ऐसी ज्वाला जगाई, जिसकी आभा आज भी प्रेरणा देती है। कार्यक्रम में बिरसा मुंडा के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्बोधन का सीधा प्रसारण भी देखा-सुना गया। स्कूली छात्र-छात्राओं ने आदिवासी संस्कृति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर समा बाँध दिया।

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