19 माह की दूरी को 'धन्यवाद रैलियों' से पाटने की कोशिश में कांग्रेस, क्या है आगे की रणनीति?
कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के बाद 'धन्यवाद रैलियों' के माध्यम से जनता तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। 19 महीने की दूरी को पाटने के लिए कांग्रेस ...और पढ़ें
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कांग्रेस 19 महीने बाद यूपी में धन्यवाद रैलियां करेगी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की सत्ता से लगभग साढ़े तीन दशक से बाहर चल रही कांग्रेस के लिए तो राह आगे भी बहुत मुश्किल है लेकिन यह आस लगाए बैठे है कि स्थिति थोड़ी तो मजबूत हो। पर चुनावी रणनीति अब भी पटरी पर नहीं आ सकी है।
यह पार्टी के रणनीतिकारों की लापरवाही ही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में छह सीटें जिताने के लिए मतदाताओं के प्रति आभार जताने के लिए रैलियों की जो योजना बनाई थी, उस पर डेढ़ साल में अमल नहीं किया जा सका।
हालांकि, 2027 के विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले पार्टी हाईकमान को उत्तर प्रदेश के मतदाताओं की याद आई है और अब 17 लोकसभा सीटों पर धन्यवाद रैलियों की रूपरेखा तय की है, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे राष्ट्रीय नेता 19 माह की इस दूरी को पाटने का प्रयास करेंगे।
कांग्रेस ने पिछला लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा। 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य में कांग्रेस को लड़ने के लिए 17 सीटें मिलीं। विपक्षी गठबंधन ने बेहतर चुनाव लड़ते हुए भाजपा से अधिक सीटें जीतीं।
इनमें सपा 37 तो कांग्रेस छह सीटें जीतने में सफल रही। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से संकट में घिरी दिख रही कांग्रेस को इन चुनाव परिणाम ने एक तरह से उम्मीदों की प्राण-संजीवनी दे दी। इस सकारात्मक माहौल को भुनाने के प्रयास में ही कांग्रेस ने तब योजना बनाई थी कि धन्यवाद रैलियां कर मतदाताओं का आभार जताते हुए उनसे भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखने का प्रयास किया जाए।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, तब असमंजस यह था कि सपा को साथ लेकर 80 लोकसभा सीटों पर रैलियां की जाएं या अकेले? फिर विचार हुआ कि सिर्फ उन्हीं 17 सीटों पर आयोजन किया जाए, जहां कांग्रेस लड़ी है। यह असमंजस दूर नहीं हुआ और योजना ठंडे बस्ते में चली गई। अब जबकि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और सपा ने अपनी तैयारियों को गति दे दी है तो कांग्रेस को भी यूपी के मतदाताओं की याद आई है।
रणनीतिकारों ने तय किया है कि 2024 में मिले समर्थन का आभार जताते हुए 2027 के लिए मतदाताओं के बीच पहुंचा जाए। लोकसभा चुनाव का परिणाम चार जून, 2024 को घोषित हुआ था। अब धन्यवाद रैलियां जनवरी-फरवरी 2026 में करने की योजना है।
प्रतीक्षा है कि खरगे, राहुल और प्रियंका जैसे शीर्ष नेताओं का समय मिल जाए तो रैलियों की तिथि का निर्धारण किया जाए। इस तरह 19 माह बाद कांग्रेस हाईकमान फिर यूपी में सक्रियता से मतदाताओं से जुड़ाव बढ़ाने का प्रयास करता दिखाई देगा।
इन 17 सीटों पर लड़ी थी कांग्रेस
सहारनपुर, अमरोहा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, सीतापुर, रायबरेली, अमेठी, कानपुर, झांसी, इलाहाबाद, बाराबंकी, महाराजगंज, देवरिया, बांसगांव, वाराणसी।

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