महाराष्ट्र को दिवालिया बना कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने भरी अपनी जेब: सामना
शिवसेना के मुखपत्र सामना में पार्टी ने कर्ज में डूबे महाराष्ट्र के लिए पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार को जमकर कोसा है। सामना के संपादकीय में लिखा है कि पिछली सरकार ने राज्य पर इतना कर्ज लाद दिया है कि उसकी किश्त देने में ही मौजूदा सरकार के 38 हजार करोड़ रुपये
मुंबई। शिवसेना के मुखपत्र सामना में पार्टी ने कर्ज में डूबे महाराष्ट्र के लिए पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार को जमकर कोसा है। सामना के संपादकीय में लिखा है कि पिछली सरकार ने राज्य पर इतना कर्ज लाद दिया है कि उसकी किश्त देने में ही मौजूदा सरकार के 38 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इसमें पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए सामना में लिखा गया है कि भाजप-शिवसेना की सरकार ने जो पानी रोको-पानी सोखो नारा दिया था उसको कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने बदलकर पैसा राेको-पैसा सोखो कर दिया।
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संपादकीय में कहा गया है कि पिछली सरकार ने बढ़ी दरों पर बेतहाशा कर्ज लिया और अपनी तिजोरियां भरी। सरकार ने जो कर्ज किसानों की सहायता के नाम पर सिंचाई के लिए लिया था उससे उन्होंने अपनी जेबें भर ली। इसका ही नतीजा है कि यह कर्ज बढ़कर 3 लाख 52 हजार करोड़ रुपये हाे गया। सामना लिखता है कि सिंचाई के नाम पर खर्च हुए सत्तर हजार करोड़ में सरकार को लक्ष्य पा लेना चाहिए था। लेकिन इतना खर्च करने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ।
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शिवसेना ने इस संपादकीय में आरोप लगाया है कि भाजपा-शिवसेना की पूर्व की सरकार द्वारा चालू की गई कई परियोजनाओं को कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने बंद कर दिया। महाराष्ट्र को पिछली सरकार ने बर्बाद कर दिवालिया बनाकर रख दिया। संपादकीय में कहा गया है कि पिछली सरकार ने जो किया है उसको अब मौजूदा सरकार को झेलना पड़ रहा है। शिवसेना ने मौजूदा सरकार से अपील की है कि वह यदि कर्ज लेने का फैसला लेती है तो वह न्यूनतम दर पर ही ऐसा करे।
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