महाराष्ट्र चुनाव के आंकड़ों पर खरगे ने चुनाव आयोग से किए सवाल, राहुल गांधी के सवालों पर मांगा जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी के आरोपों को दोहराया। उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव के आंकड़ों में विसंगतियों और मतदाता सूची को लेकर चिंता जताई। खरगे ने चुनाव आयोग से इन सवालों का आधिकारिक जवाब देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आयोग की चुप्पी लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है और पारदर्शिता बनाए रखना संवैधानिक दायित्व है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ''महाराष्ट्र चुनाव की चोरी का खेल'' संबंधी अपने लेख में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के उठाए सवालों को दोहराते हुए चुनाव आयोग की आधिकारिक चुप्पी पर उसे आड़े हाथों लिया है।
उन्होंने कहा कि यह लेख चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और अखंडता के बारे में गंभीर और वैध सवाल उठाता है। उनके मुताबिक इस लेख के जवाब में चुनाव आयोग का कथित तौर पर एक पत्र सामने आया पर हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि इसकी प्रामाणिकता संदिग्ध बनी हुई है।
'लोकतंत्र अपारदर्शी प्रक्रियाओं-अपुष्ट आंकड़ों पर जीवित नहीं रह सकता'
चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के बयान ''आप एक संवैधानिक निकाय हैं, मध्यस्थों को बिना हस्ताक्षर के टालमटोल करने वाले नोट जारी करना गंभीर सवालों का जवाब देने का तरीका नहीं है'' का हवाला देते हुए खरगे ने कहा कि लोकतंत्र अपारदर्शी प्रक्रियाओं और अपुष्ट आंकड़ों के आधार पर जीवित नहीं रह सकता। मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग से राहुल गांधी के उठाए सवालों का आधिकारिक तौर पर जवाब देने की मांग करते हुए सोमवार को खुद अपने हस्ताक्षर से बयान जारी किया।
इसमें कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के पूर्ण पारदर्शिता और संस्थागत जवाबदेही के आह्वान के साथ मजबूती से खड़ी है। चुनाव आयोग की विश्वसनीयता दांव पर है। हम उससे आग्रह करते हैं कि वह एक तटस्थ और संवैधानिक निकाय के अपेक्षित मानकों को बनाए रखे। कांग्रेस अध्यक्ष ने आयोग से साफ कहा है कि भारत के नागरिक जवाब के हकदार हैं और हमारे लोकतंत्र की अखंडता इसकी मांग करती है।
'पारदर्शिता की यह कमी बेहद चिंताजनक'
चुनाव की पवित्रता को लेकर राहुल गांधी के उठाए प्रश्नों पर अनौपचारिक तौर पर पर्दे के पीछे से जवाब देने के चुनाव आयोग के रूख की आलोचना करते हुए खरगे ने कहा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अधिकृत एक संवैधानिक निकाय की ओर से पारदर्शिता की यह कमी बेहद चिंताजनक है। लोकतांत्रिक मूल्यों और चुनावी अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण सवालों का समर्थन करती है और उन्हें सार्वजनिक रूप से दोहराती है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने नेता विपक्ष के उठाए मुद्दे को सही ठहराते हुए कहा कि हमारे पांचों सवाल बने हुए हैं। पहला महाराष्ट्र में 2019 और 2024 की शुरुआत के बीच केवल 31 लाख नए मतदाता जुड़े। फिर 2024 के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के केवल पांच महीनों में 41 लाख नए मतदाताओं की विशाल संख्या में बढ़ोतरी कैसे हुई। दूसरा प्रश्न मतदान के आंकड़ों में विसंगति का है कि मतदान के बाद जारी अंतरिम अंतिम वोट प्रतिशत 58.73 थी फिर अंतिम मतदान 66 प्रतिश कैसे घोषित हुआ, इस सात प्रतिशत उछाल को सही ठहराने के लिए शाम पांच बजे के बाद का सीसीटीवी फुटेज या वीडियोग्राफी कहां है?
तीसरा- चुनाव आयुक्त नियुक्ति प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए सरकार ने नियुक्ति पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह केंद्रीय गृहमंत्री को शामिल करके प्रक्रिया में संशोधन कर न्यायपालिका को स्वतंत्रता सुनिश्चित करने वाली प्रक्रिया से क्यों हटाया? चौथा 2024 के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए अंतिम अपडेट मतदाता सूची प्रकाशित नहीं कर आयोग इस महत्वपूर्ण सार्वजनिक डेटा को क्यों रोक रहा है?
मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता
खरगे ने कहा कि अगर चुनाव आयोग के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो उसे बिना देरी किए 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए समेकित, डिजिटल और मशीन-पठनीय मतदाता सूची जारी करे जिसमें पूर्ण संस्करण इतिहास और अपडेट का टाइमस्टैम्प हो। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र के तमाम मतदान केंद्रों की शाम पांच बजे के बाद की सभी सीसीटीवी फुटेज या वीडियोग्राफी आयोग जारी करे क्योंकि पारदर्शिता कोई उपकार नहीं है, यह संवैधानिक दायित्व है।
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