अंकों के गणित की मदद से और तेज दौड़ेगा कंप्यूटर
केवल एक अंक से होगी कंप्यूटर में डेटा की गणना, फाइल होगी हल्की, गणितीय विविधताओं से 4डी का उपयोग 3डी में करके सॉफ्टवेयर किया विकसित... ...और पढ़ें
कानपुर (विक्सन सिक्रोड़िया)। लगातार बढ़ती फाइलों के बोझ से कंप्यूटर को हल्का करने की दिशा में चल रहे प्रयास फलीभूत होते दिख रहे हैं। आने वाले समय में कंप्यूटर पर फाइलों का बोझ बेहद कम हो जाएगा। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। क्वार्टरनियोन (कंप्यूटर के अंदर तेजी से गणना करने वाला एक अंक) के जरिये 4डी (चार आयामी तंत्र) का उपयोग 3डी (तीन आयामी तंत्र) में करके यह साफ्टवेयर बनाया गया है। इससे कंप्यूटर की गति तेज होने के साथ उसमें बनी फाइलें हल्की हो जाएंगी और कंप्यूटर की गति तेज हो जाएगी।
यह इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी में गणितीय विविधताओं का उपयोग करते हुए डॉ. अंबेडकर इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. बिपिन कुमार त्रिपाठी के निर्देशन में तैयार हुआ है। उन्होंने हाई डायमेंशनल न्यूरो कंप्यूटिंग की पुस्तक (स्प्रिंगर न्यूयॉर्क) में इसका उल्लेख किया है। इससे संबंधित उनके दो रिसर्च पेपर भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी तक कंप्यूटर पर 95 फीसद काम 2डी (दो आयामी तंत्र) पर किया जाता है। फाइल भारी होने के कारण महज पांच फीसद काम ही 3डी पर होता है। प्रो. त्रिपाठी ने अपने अध्ययन में पाया कि 3डी सिस्टम में कोई भी संख्या तंत्र नहीं पाया जाता है जबकि गणितीय तौर पर यह प्रमाणित है कि 4डी में संख्या तंत्र मौजूद होता है। इसके उपयोग से जटिल से जटिल उच्च आयामी सूचना तंत्र की गणना व विश्लेषण आसानी से किया जा सकता है, लेकिन इसे समझना कठिन होने के कारण लागू नहीं किया जा सकता है। क्वार्टरनियोन का अध्ययन करके इसकी खूबियां 3डी में शामिल करके सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। इस सॉफ्टवेयर को कम गणना करनी पड़ती है जिससे यह तेज काम करता है।
वीडियो व फोटो में हर हरकत साफ- साफ होगी कैद : प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक वीडियो व फोटो 2डी होती हैं। आने वाले समय में इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से वीडियो व फोटो 3डी होंगी। इसमें व्यक्ति की हर हरकत साफ-साफ कैद की जा सकेगी। वह किस दिशा में बैठा है, किस कोण पर देख रहा है, उसके आसपास क्या क्या चीजें हैं ये सभी बातें उसमें होने के साथ वह फाइल हल्की भी होगी। वहीं मशीन लर्निंग के अंतर्गत आने वाली आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व रोबोटिक्स में 3डी का इस्तेमाल किया जा सकेगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में मनुष्य की तरह रोबोट ने काम करना तो शुरू कर दिया है, लेकिन मनुष्य के सोचने, विश्लेषण करने व याद रखने का काम अपने दिमाग के स्थान पर कंप्यूटर यंत्र से करने की दिशा में काम करना अभी बाकी है। इसमें यह मदद करेगा।

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