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    चीन की कंपनियां चाहती हैं उत्‍पादन बढ़ाना, इसके लिए उन्‍हें चाहिए अधिक लोग और डिसीजन मेकर- चीनी राजदूत

    By Jagran NewsEdited By: Kamal Verma
    Updated: Sat, 26 Nov 2022 09:17 AM (IST)

    Chinese Consul General Zha Liyou का कहना है कि चीन का निवेश गुजरात दिल्‍ली और मुंबई के मुकाबले पश्चिमी बंगाल में कम हुआ है। उन्‍होंने ये भी कहा कि चीन ...और पढ़ें

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    चीन की कंपनियों को चाहिए भारत में अधिक लोग

    नई दिल्ली (एजेंसी)। चीन के Consul General Zha Liyou का कहना है कि दिल्ली और मुंबई के मुकाबले बंगाल में कम चीन का निवेश हुआ है। उनके मुताबिक गुजरात में भी बंगाल से अधिक निवेश चीन ने किया है। भारत चैंबर आफ कामर्स द्वारा आर्गेनाइज एक कार्यक्रम के अवसर पर उन्‍होंने ये बात कही। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य में चीन द्वारा अधिक निवेश की संभावनाओं को तलाशने और उन क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।

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    चीन की बड़ी कंपनी का कोलकाता में खुला आफिस 

    Liyou के मुताबिक राज्य में चीन की सबसे बड़ी पावर जनरेशन इक्यूपमेंट्स बनाने वाली कंपनी Dongfang Electric ने कोलकाता के न्यूट्रान इलाके में अपने नए और पहले आफिस की शुरुआत की है। कोलकाता में चीन की कुछ और कंपनियों के भी आफिस हैं, जिनमें से एक New Hope और दूसरी SAIC है, जो एक आ‍टोमेटिव कंपनी है। Liyou ने इस दौरान वीजा संबंधी परेशानियों के बारे में भी अपने विचार रखे। उन्‍होंने कहा कि चीन की कंपनियां यहां पर अपनी उत्‍पादन क्षमता को बढ़ाना चाहती हैं लेकिन वीजा को रिन्‍यू जैसी दिक्‍कतों के चलते इसमें परेशानी आती है। उन्‍होंने ये भी कहा कि वो इस बारे में और विचार करना चाहते हैं।

    रिकार्ड स्‍तर पर दोनों देशों का व्‍यापार

    चीन के काउंसिल जनरल ने ये भी कहा कि चीन की कंपनियों को काम के लिए अधिक लोगों की जरूरत है। चीन की कंपनियों को ऐसी डिसीजन मेकर भी चाहिए जो ये तय करने में समर्थ हों कि उन्‍हें क्‍या करना चाहिए। उन्‍होंने इसके लिए यहां पर कई डेलिगेशन को आमंत्रित भी किया है। यहां पर ये बात बेहद ध्‍यान देने वाली है कि हाल के कुछ समय में चीन और भारत के बीच व्‍यापार रिकार्ड स्‍तर पर पहुंच गया है।

    लद्दाख सीमा पर तनाव 

    वर्ष 2021 में दोनों देशों के बीच व्‍यापार 125 बिलियन डालर का था। एक ही वर्ष में दोनों देशों के बीच हुए व्‍यापार ने 100 बिलियन डालर के आंकड़े को पार कर लिया है जो कि एक बड़ी बात है। ऐसा तब है जब भारत की लद्दाख-चीन सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच काफी समय तक तनाव की स्थिति बनी रही थी। इसके बाद भी चीन ने भारत में एक्‍सपोर्ट को कम नहीं होने दिया।

    चीन पर बढ़ी निर्भरता 

    बता दें कि हाल ही में राज्‍य के पूर्व वित्‍त मंत्री अमित मित्रा ने दोनों देशों के बीच व्‍यापार को लेकर केंद्र की आलोचना की थी। मित्रा फिलहाल राज्‍य की सीएम ममता बनर्जी के प्रिंसीपल चीफ एडवाइजर हैं। कहा जा रहा है कि भारत की चीन पर इंपोर्ट के मामले में निर्भरता वर्ष 2014 के मुकाबले दोगुनी हो गई है।  

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