एफडीआइ मतलब फर्स्ट डेवलप इंडिया : मोदी
अपनी उद्योग अनुकूल छवि के लिए मशहूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में निवेश बढ़ाने व करोड़ों युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया कार्यक्रम लांच कर दिया। देश विदेश के नामी गिरामी उद्योगपतियों के बीच लांच किए गए इस कार्यक्रम के सहारे सरकार भारत को दुनिया का एक अहम मैन्यूफैक्च¨रग हब बनाना चाहती है। भारत में नए निवेश से हिचक रही कंपनियों को मोदी ने सीधे आश्वासन दिया कि उनकी राह की हर दिक्कतों को दूर किया जाएगा।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अपनी उद्योग अनुकूल छवि के लिए मशहूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में निवेश बढ़ाने व करोड़ों युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया कार्यक्रम लांच कर दिया। देश विदेश के नामी गिरामी उद्योगपतियों के बीच लांच किए गए इस कार्यक्रम के सहारे सरकार भारत को दुनिया का एक अहम मैन्यूफैक्च¨रग हब बनाना चाहती है। भारत में नए निवेश से हिचक रही कंपनियों को मोदी ने सीधे आश्वासन दिया कि उनकी राह की हर दिक्कतों को दूर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'एफडीआई' को 'प्रत्यक्ष विदेशी निवेश' के साथ 'फर्स्ट डवलप इंडिया' के रूप में समझा जाना चाहिए। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे भारत को सिर्फ बाजार के रूप में न देखें बल्कि इसे एक अवसर समझें। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए जरूरी है कि घरेलू उद्योगों में निवेश बढ़ाया जाए। इससे देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकेंगे। भारत के विशाल आकार के बाजार पर देशी विदेशी उद्योगों की नजर पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बाजार तभी फायदा देगा जब ज्यादा से ज्यादा लोगों को गरीबी से ऊपर उठाकर मध्य वर्ग में शामिल कराया जाएगा। ऐसा केवल तभी हो सकता है जब उनके लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं जिससे उनकी आमदनी बढ़े। आमदनी बढ़ेगी तभी उनकी खरीद क्षमता बढ़ेगी और कंपनियों को विशाल बाजार का सभी लाभ मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए इसके लोगो का भी अनावरण किया। इस कार्यक्रम के तहत निवेश की दृष्टि से 25 उद्योगों की पहचान की गई है। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम की एक वेबसाइट भी लांच की। मेक इन इंडिया की लांचिंग के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री समेत उनके मंत्रिमंडल के कई प्रमुख मंत्री उपस्थित थे। केंद्रीय वित्त व रक्षा मंत्री अरुण जेटली अस्वस्थता के चलते इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।
इसके अलावा खचाखच भरे विज्ञान भवन में आरआइएल प्रमुख मुकेश अंबानी, टाटा समूह के प्रमुख साइरस मिस्त्री, मारुति सुजुकी के सीईओ केनिची आयूआवा, विप्रो प्रमुख अजीम प्रेमजी, आइसीआइसीआइ बैंक प्रमुख चंदा कोचर और आइटीसी चेयरमैन ंवाइसी देवेश्वर समेत कई उद्योगपति मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत के दिग्गजों को सरकार की तरफ से भरोसा देते हुए कहा कि वो नहीं चाहते कि उद्योगों को नीतियों के चलते मजबूरन बाहर जाना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार बिजनेस के माहौल को आसान बनाकर देश को आगे ले जाना चाहती है। इस लिहाज से सरकार ने सेल्फ सर्टिफिकेशन के साथ बदलाव की शुरुआत कर दी है। 'सरकार का मंत्र है- हम हर देशवासी पर भरोसा करके चलना चाहते हैं।'
प्रधानमंत्री ने देश की लुक ईस्ट नीति के साथ साथ लिंक वेस्ट का मंत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों को जोड़कर हम ग्लोबल विजन के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। प्रधानमंत्री के इस बयान को उनकी आगामी अमेरिका यात्रा के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।
सरकार देश में बुनियादी ढांचा दुरुस्त करने के साथ साथ डिजिटल नेटवर्क भी तैयार कर रही है ताकि वैश्विक स्तर पर देश को मैन्यूफैक्च¨रग हब बनाने में मदद मिले। देश में कार से लेकर सॉफ्टवेयर, सेटेलाइट से लेकर सबमरीन, फार्मास्यूटिकल से लेकर बंदरगाह और पेपर से पावर तक के निर्माण को प्रोत्साहित करना चाहती है। अकेले बंदरगाह ही नहीं, बल्कि उसके साथ हवाई अड्डा, हाइवे वगैरह का पूरा क्लस्टर विकसित करना चाहती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास यानी स्किल डेवलपमेंट पर भी पूरा ध्यान दे रही है। सरकार यह काम भी निजी क्षेत्र की मदद से पीपीपी मॉडल पर करना चाहती है। रोजगार बढ़ाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इससे आमदनी बढ़ेगी तो उत्पादों की मांग बढ़ेगी। इससे मैन्यूफैक्च¨रग की विकास दर बढ़ेगी। यही चक्र देश की आर्थिक विकास दर को रफ्तार देगा। मोदी ने कहा कि हमारे पास 3डी की शक्ति है। यानी डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड। यह ऐसी ताकत है जो हर निवेशक को भारत ला सकती है।
पीएम के भाषण में खास
-सरकार का मंत्र, हर देशवासी पर भरोसा
-लुक ईस्ट के साथ लिंक वेस्ट पर जोर
-सेल्फ सर्टिफिकेशन से हुई बदलाव की शुरुआत
-मध्य वर्ग की परचेजिंग पावर बढ़ाने को रोजगार सृजन जरूरी
-कौशल विकास होगा रोजगार सृजन में मददगार
-स्किल डेवलपमेंट के लिए पीपीपी मॉडल का इस्तेमाल
-रोजगार सृजन की दिशा में कदम है मेक इन इंडिया
-देश के पास 3डी की ताकत, डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड
-ईजी और इफेक्टिव गवर्नेस पर जोर
-वेस्ट से वेल्थ सृजन पर काम करे उद्योगजगत
-कार्यक्रम की सफलता के लिए राज्यों के साथ तालमेल
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