कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को ब्रीफिंग के लिए क्यों चुना गया? अब सामने आई वजह
मिसरी के शुरुआती वक्तव्य के बाद कर्नल सोफिया ने जब सैन्य कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए यह कहा-देवियो और सज्जनों मैं कर्नल सोफिया कुरैशी और मेरे साथ विंग कमांडर व्योमिका सिंह.. तो इसकी गूंज आतंकवाद की फैक्ट्रियों के मालिकों यानी पाकिस्तानी सेना और सरकार के साथ-साथ पूरी दुनिया को सुनाई दी।
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर की देश को जानकारी देने के लिए सेना और विदेश मंत्रालय की साझा प्रेस कांफ्रेंस का समय जब निर्धारित समय दस बजे से आधे घंटे के लिए आगे बढ़ाया गया तब इसे एक अहम मामले में स्वाभाविक देरी समझा गया था।
लेकिन जब वहां मौजूद मीडिया को यह जानकारी दी गई है कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिसरी के साथ दो महिला सैन्य अफसर विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी राष्ट्रीय मीडिया को पहलगाम के बर्बर आतंकी हमले पर भारत के प्रतिकार की जानकारी देंगी तब यह स्पष्ट हुआ कि इसके जरिये भारत ने अस्वाभाविक कदम उठाते हुए कितना बड़ा और शक्तिशाली संदेश दुनिया को दिया है।
कनिष्ठ महिला सैन्य अफसरों को मिला दायित्व
आम तौर पर ऐसी ब्रीफिंग डीजीएमओ या सेना के मुख्यालय में तैनात ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है, लेकिन अपेक्षाकृत कनिष्ठ महिला सैन्य अफसरों को यह दायित्व देकर भारत ने आतंकवादियों और उनके हमदर्दों को उनकी हैसियत ही बताने का काम किया।
गुलाम जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर की गई सैन्य कार्रवाई जितनी नपी-तुली थी और स्थिति के अनुकूल थी, उतना ही जिम्मेदारी भरा और सबक सिखाने वाला संदेश था इन दो महिला अफसरों का ब्रीफिंग के लिए चयन। सबक इसलिए, क्योंकि इन्हीं महिला अफसरों ने आतंकियों और पाकिस्तान को उनकी करतूतें गिनाईं, प्रमाण दिए, आईना दिखाया और उन्हें दी गई सजा का हाल भी सुनाया।
आतंक के 9 ठिकाने तबाह
- इस ऑपरेशन के कोड नेम-सिंदूर के बाद यह दूसरा ऐसा कदम था, जिसने पहलगाम के एक पर्यटक स्थल (बैसरन) में दिखाई गई अमानवीयता के विरुद्ध देश के संकल्प, सोच और दिशा का प्रदर्शन किया।
- कर्नल कुरैशी ने कहा- भरोसेमंद गुप्तचर सूचना के आधार पर हमने आतंक के उन नौ ठिकानों को छांटकर ध्वस्त कर दिया जो सीमा पार आतंकवाद में शामिल थे। वायुसेना में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी पूरे आत्मविश्वास के साथ यह घोषणा कि भारतीय सैन्य बल पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन उन्हें आतंकी घटनाओं जैसे उकसावे वाले कार्यों का जवाब देने में भी निर्णायक प्रहार के साथ-साथ संयम बरतना भी आता है।
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