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    अनियमितताओं के बावजूद चल रही थी कंपनी, गंदगी में हो रहा था कफ सीरप का प्रोडक्शन; कई बड़े खुलासे

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 06:00 PM (IST)

    मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के मामले में, कोल्ड्रिफ सीरप बनाने वाली कंपनी की अनियमितताओं पर तमिलनाडु औषधि प्रशासन की लापरवाही सामने आई। गंदगी में उत्पादन के बावजूद कंपनी का चलना और जांच में देरी चिंताजनक है। एसआईटी जांच में जुटी है और दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी है।

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    तमिलनाडु के औषधि प्रशासन विभाग ने समय रहते ध्यान नहीं दिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में तीन जिलों के 23 बच्चों की जान लेने वाला अमानक 'कोल्ड्रिफ' सीरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल की अनियमितताओं पर तमिलनाडु के औषधि प्रशासन विभाग ने समय रहते ध्यान नहीं दिया।

    39 गंभीर अनियमितताओं के बाद भी कंपनी चलती रही। चेन्नई स्थित औषधि प्रशासन विभाग के राज्य मुख्यालय से मात्र 50 किमी दूर कांचीपुरम में इस कंपनी में दवा का निर्माण बहुत गंदगी में हो रहा था, जिससे सीरप के दूषित होने की आशंका बहुत अधिक थी, फिर भी निगरानी करने वालों ने ध्यान नहीं दिया।

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    प्रोडक्शन यूनिट में की गई जांच

    एसआईटी के साथ गई ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम ने वहां के औषधि प्रशासन विभाग से कंपनी में तमिल नाडु औषधि प्रशासन विभाग द्वारा दो और तीन अक्टूबर कंपनी की उत्पादन इकाई में की गई जांच की रिपोर्ट ली है। इसमें यह भी देखा जा रहा है कि औषधि प्रशासन विभाग ने क्या-क्या लापरवाही की।

    एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परीक्षण के बाद वहां के औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को भी आरोपित बनाया जा सकता है। इधर, मामले में आरोपित जी को रंगनाथन से रविवार को भी छिंदवाड़ा के परासिया थाने में पूछताछ जारी रही। चार औषधि निरीक्षकों की टीम की उपस्थिति में एसआइटी ने कंपनी में मिली कमियों के संबंध में रंगनाथन से पूछताछ की।

    दो सैंपल मानक अनुरूप

    इस बीच, कोल्ड्रिफ कफ सीरप के एसआर-13 बैच को छोड़कर अन्य दो बैच के सीरप मानक अनुरुप पाए गए हैं। यानी उनमें डायथिलीन ग्लायकाल (डीईजी) की मात्रा मानक स्तर की मिली है। इनके सैंपल छिंदवाड़ा से ही लिए गए थे। कोल्ड्रिफ पर प्रतिबंध के बाद से एक सप्ताह में प्रदेश भर से लगभग 300 सैंपल जांच के लिए राज्य औषधि लैब में पहुंचे हैं।

    हालांकि, लैब की क्षमता कम होने की वजह से इनकी जांच में लगभग 15 दिन लग जाएंगे। औषधि निरीक्षकों ने छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुरना से 21 दवाओं के सैंपल लिए थे, जिनमें कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश-टीआर और रिलीफ कफ सीरप छोड़ बाकी दवाएं मानक मिली हैं।

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