कितना खतरनाक है 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप में पाया जाने वाला डाइएथिलिन ग्लाइकॉल?
कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर देश में दहशत है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में इस सिरप को पीने से 12 बच्चों की मौत हो गई है। मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में यह सिरप बैन कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय सिरप के नमूने लेकर जांच करवा रहा है। तमिलनाडु में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की विनिर्माण इकाई में डीईजी की अधिक मात्रा पाई गई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप को लेकर देशभर में दहशत मची हुई है। कथित रूप से 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप पीने से राजस्थान और मध्य प्रदेश में 12 बच्चों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद से मध्य प्रदेश और तमिलनाडू में यह सिरप बैन कर दी गई है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय इस सिरप के नमूने लेकर जांच करवा रहा है।
तमिलनाडु में 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप की विनिर्माण इकाई से मिसे सैंपल में आवश्यकता है अधिक मात्रा में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) पाया गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं क्या होता है डाइएथिलिन ग्लाइकॉल जो सेहत के लिए खतरा बताया जाता है।
क्या होता है DEG और EG?
डाइएथिलिन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) औद्योगिक विलायक है। इसका इस्तेमाल एंटीफ़्रीज़, पेंट, ब्रेक द्रव और प्लास्टिक में किया जाता है। यह दवाओं के लिए नहीं होता है। डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल कभी-कभी ग्लिसरीन जैसी दवा सामग्री को दूषित कर देते हैं। जो आमतौर पर आपूर्तिकर्ताओं द्वारा सस्ती औद्योगिक-ग्रेड सामग्री के लिए उपयोग की वजह से होता है।
डाइएथिलिन ग्लाइकॉल (DEG) रंगहीन और सिरप जैसा होता है, इसके चलते यदि इसे प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए छोड़ दें तो इसे वैध एक्सीपिएंट्स समझने की गलती आसान हो जाता है।
क्यों होते हैं खतरनाक?
डाइएथिलिन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) को निगलने पर यह विषाक्त यौगिकों में टूट जाते हैं। जिसके चलते गुर्दे, यकृत और तंत्रिका तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। छोटे बच्चों में इसके शुरुआती लक्षण मतली, पेट दर्द और कम पेशाब से शुरू होते हैं। ज्यादा गंभीर मामले में यह तेजी से गुर्दे को फेल कर देता है, जो मृत्यु का कारण बनता है।
आवश्यकता से अधिक डीईजी की मात्रा
मध्य प्रदेश और राजस्थान में 12 बच्चों के मौत के बाद 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। हालांकि, एमपी के छिंदवाड़ा से लिए गए छह सैपलों में सभी सैंपल डीईजी और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) से मुक्त पाए गए। वहीं, जब मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर , जब तमिलनाडु एफडीए ने कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा के निर्माण स्थल से सीधे 'कोल्ड्रिफ' के नमूने लिए गए, तो उसमें सुरक्षा सीमा से अधिक डीईजी की मात्रा पाई गई।
डीईजी की मौजूदगी ने बढ़ाई चिंता
तमिलनाडु के 'कोल्ड्रिफ' सिरप में डीईजी की मौजूदगी ने चिंता बढ़ा दी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि दवा का सेवन असुरक्षित है और इसे बाजार में नहीं मिलनी चाहिए। जांच के बाद संभवत बाजार से इस सिरप को रिटर्न कराया जाएगा और कंपनी द्वारा नियम के उल्लंघनों की जांच की जाएगी।
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