'बंगालियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं', सीएम ममता ने कहा- 'जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं, उन्हें भेजें जेल'
चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की तैयारी के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं उन्हें जेल भेजा जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि उनके नाम सूची में हों भले ही उन्हें सत्यापन के लिए काम छोड़ना पड़े।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासियों पर कथित अत्याचार के विरोध में बुधवार को विरोध मार्च में शामिल हुईं। मुख्यमंत्री कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के एक विशाल पैदल मार्च (जुलूस) का नेतृत्व किया।
ममता के साथ उनके सांसद भतीजे और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी इस मार्च में शामिल हुए। पदयात्रा के बाद ममता ने एक सभा को भी संबोधित किया। सीएम ममता ने कहा कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें जेल भेजा जाएगा।
बंगालियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं: CM
- तृणमूल कांग्रेस द्वारा आयोजित विशाल पैदल मार्च का नेतृत्व करते हुए ममता ने भाजपा व केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि मैं बंगालियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करूंगी।
- ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को बांग्लादेशी व विदेशी कहकर प्रताड़ित और जेल व डिटेंशन कैंप में भेजा जा रहा है। ममता ने पूछा कि क्या बंगाल देश का हिस्सा नहीं है।
- इसके अलावा ममता ने आरोप लगाया कि दूसरे राज्यों में बैठकर बंगाल के वोटर का नाम काटा जा रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग पर भाजपा की दलाली करने का आरोप लगाया।
हम सबका सम्मान करते हैं: सीएम ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, क्या पश्चिम बंगाल भारत में नहीं है? क्या यह देश का हिस्सा नहीं है? कई राज्य ऐसे हैं, जहां केवल एक ही भाषा बोली जाती है। इसका मतलब यह नहीं है कि उन लोगों को जेल में डाल दिया जाए।
हर भाषा का सम्मान जरूरी: सीएम ममता
ममता बनर्जी ने कहा कि जब महाराष्ट्र से हिंदी भाषियों को निकाला गया, तो हमने सबसे पहले आवाज उठाई थी। हम यहां रहने वाले विभिन्न राज्यों के सभी लोगों का सम्मान करते हैं, चाहे वे मजदूर हों, व्यापारी हों, दुकानदार हों, फेरीवाले हों या कर्मचारी हों। हम उन पर कभी हमला नहीं करेंगे क्योंकि वे हमारा और हमारे देश का हिस्सा हैं। हम उनसे प्यार करते हैं। हम हर भाषा का सम्मान करते हैं।
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