CJI गवई पर जूता फेंकने से गुस्साईं मां, बहन बोलीं- आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेंगी
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना के बाद उनके परिवार ने दुख जताया है। उनकी बहन कीर्ति गवई और मां कमल गवई ने इसे संविधान पर हमला बताया है। परिवार ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकना चाहिए अन्यथा आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी। उन्होंने लोगों से संविधान के दायरे में रहकर सवाल पूछने की अपील की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने का मामला लगातार चर्चा में है। सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक ने इस हमले की निंदा की है। वहीं, अब CJI गवई के परिवार ने भी कोर्ट परिसर में इस तरह की घटना पर दुख जताया है। उनका कहना है कि यह CJI गवई पर नहीं बल्कि देश के संविधान पर हमला था। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
CJI गवई की बहन कीर्ति गवई और उनकी मांग कमल गवई ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकना चाहिए, वरना भविष्य में आने वाली पीढ़िया कभी माफ नहीं करेंगी।
CJI गवई की बहन का बयान
CJI गवई की बहन कीर्ति गवई के अनुसार, हमने भूषण दादा (CJI गवई) से बात की। उन्होंने अदालत से इसे नजरअंदाज करने के लिए कहा, लेकिन सच बताऊं तो हम इसे जाने नहीं दे सकते। वो उनका अपमान था। अगर हम अभी इस तरह से गलत बर्तावों को नहीं रोकेंगे, तो भविष्य में आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी।
कीर्ति गवई ने इस हमले को "जहरीली विचारधारा" से प्रभावित बताते हुए कहा कि जो भी संविधान के खिलाफ जाएगा, उसे प्रतिक्रिया झेलनी होगी। कीर्ति के अनुसार,
यह किसी पर व्यक्तिगत हमला नहीं था, बल्कि जहरीली विचारधारा के द्वारा संविधान पर हमला था। हमें इस तरह का गैर संविधानिक बर्ताव रोकना होगा। अगर कोई संविधान के खिलाफ काम करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
CJI बीआर गवई, उनकी मां कमल गवई और बहन कीर्ति गवई। फाइल फोटो
CJI गवई की मां ने क्या कहा?
CJI गवई की मां कमल गवई ने कहा कि लोगों को संविधान पर ध्यान देना चाहिए और इसके पीछे के मुख्य सिद्धांतों को अपनाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, "भारतीय संविधान सभी को बराबरी का अधिकार देता है, लेकिन कुछ लोग कानून को अपने हाथ में ले लेते हैं। किसी को कानून हाथ में लेने और अराजकता फैलाने का अधिकार नहीं है। मैं सभी से अपील करूंगी कि संविधान के दायरे में रहकर अपने सवाल पूछें।"
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने CJI गवई पर जूता फेंककर मारा था। इस दौरान राकेश ने चिल्लाते हुए कहा, "भारत सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।"
इस घटना के बाद वकील राकेश किशोर को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था। हालांकि, CJI गवई ने हमलावर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने से मना कर दिया, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया है।
CJI बीआर गवई और उनपर हमला करने वाला वकील राकेश किशोर। फाइल फोटो
CJI गवई की टिप्पणी पर हुआ था विवाद
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि हमलावर वकील CJI गवई के भगवान विष्णु पर की गई टिप्पणी से नाराज था। दरअसल UNESCO विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर में मौजूद जवारी मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सुप्रीन कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
CJI गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का मामला है। CJI गवई ने आगे कहा, "भगवान से कहो कि वही कुछ करें।"
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