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    आरक्षण पर क्रीमी लेयर का क्या होगा भविष्य? CJI ने सरकार के पाले में डाला बॉल; रिटायरमेंट से पहले दिया बड़ा बयान

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 05:43 PM (IST)

    मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने रिटायरमेंट से पहले आरक्षण, कॉलेजियम और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर बात की। उन्होंने SC/ST आरक्षण में सब-क्लासिफिकेशन की वकालत की ताकि लाभ सही लोगों तक पहुंचे। उन्होंने क्रीमी लेयर को पहचानने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार को इस पर नीति बनानी चाहिए। जस्टिस गवई ने बताया कि वे रिटायरमेंट के बाद सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे।

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    आरक्षण पर क्रीमी लेयर का क्या होगा भविष्य CJI ने सरकार के पाले में डाला बॉल (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिटायरमेंट के एक दिन पहले मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने कई अहम मुद्दों पर खुलकर बात की जैसे कि आरक्षण में क्रीमी लेयर, कॉलिजियम पर आरोप, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अपने भविष्य को लेकर उन्होंने साफ-साफ जवाब दिए। गवई देश के दूसरे दलित CJI हैं और कल वे पद छोड़ देंगे।

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    सीजेआई गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही साफ कर चुका है कि SC/ST आरक्षण में सब-क्लासिफेकशन लागू होना चाहिए, ताकि लाभ ज्यादा वंचित समूहों तक पहुंच सके। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले साल जिस बेंच ने यह एतिहासिक फैसला दिया था, वे उसके सदस्य थे।

    कैसे बराबरी है संभव?

    CJI ने कहा, "कई SC परिवार अब काफी आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन फिर भी वे आरक्षण का लाभ लेते रहते हैं। बराबरी तभी संभव है जब क्रीमी लेयर को चिन्हित कर बाहर किया जाए।" उन्होंने उदाहरण दिया कि कुछ IAS अधिकारियों के बच्चे भी आरक्षण का फायदा लेते हैं।

    उन्होंने कहा, "न्यायपालिका ने अपना काम कर दिया है, अब सरकार और संसद को नीति बनानी चाहिए ताकि SC/ST में क्रीमी लेयर तय हो सके"। अपने फैसले का जिक्र करते हुए CJI ने कहा था कि सच्ची समानता के लिए जरूरी है कि राज्य SC/ST में क्रीमी लेयर पहचानकर उन्हें आरक्षण के दायरे से बाहर करे।

    कॉलिजियिम सिस्टम पर CJI ने क्या कहा?

    कॉलिजियम में न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर अक्सर आरोप लगते हैं कि रिश्तेदारों को तरजीह दी जाती है। इस पर सीजेआई गवई ने कहा कि ऐसे मामले कुल नियुक्तियों के 10% से भी कम होते हैं। उन्होंने कहा, "अगर कोई उम्मीदवार योग्य है तो सिर्फ इसलिए उसे नहीं रोका जा सकता कि वह किसी जज रिश्तेदार है।"

    CJI ने कहा कि एक गलत सोच यह है कि जज तभी स्वतंत्र माना जाता है जब वह सरकार के खिलाफ फैसला दे। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता किसी एक फैसले से नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की मजबूती से तय होती है। साथ ही, हाई कोर्ट जजों के ट्रांसफर पर हो रही आलोचना पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया जाता है।

    क्या है रिटायरमेंट प्लान?

    CJI गवईने कहा कि रिटायरमेंट के बाद कुछ समय आराम करेंगे और फिर सामाजिक कार्यों से जुड़ेंगे, खासकर आदिवासी समुदायों के लिए काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी भी प्रकार का पोस्ट-रिटायरमेंट पद स्वीकार नहीं करेंगे। कल जस्टिस सूर्यकांत नए CJI बनेंगे।

    वकील ने फेंका था जूता

    हाल ही में एक वकील ने सुनवाई के दौरान उन पर जूता फेंका था। इस पर उन्होंने कहा, "मैंने तुरंत तय किया कि कोई कार्रवाई नहीं करूंगा। माफी अपने आप आ गई।" दिल्ली प्रदूषण मामले पर उन्होंने कहा कि अदालत लगातार कोशिश कर रही है और अब सरकारें लंबे समय के समाधान पर ध्यान दे रही हैं।

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