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CAA Notification: सीएए के तहत कैसे मिलेगी नागरिकता, गैर मुस्लिम शरणार्थियों को क्या करना होगा? जानें खास बातें

CAA Notification नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। आवेदक को सिर्फ यह साबित करना होगा कि वह 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गया था। इसके लिए नियम तय किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2019 में संसद के दोनों सदनों ने सीएए पारित किया था।

By Mohd Faisal Edited By: Mohd Faisal Published: Tue, 12 Mar 2024 10:35 AM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2024 10:35 AM (IST)
CAA Notification: सीएए के तहत कैसे मिलेगी नागरिकता, गैर मुस्लिम शरणार्थियों को क्या करना होगा (फोटो जागरण ग्राफिक्स)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Citizenship Amendment Act: संसद से पास होने के चार साल के बाद देश में गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का कानून (सीएए) लागू कर दिया गया है। इस कानून के लागू होते ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल पाएगी। हालांकि, इन शरणार्थियों को भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन करना होगा।

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आवेदन के साथ देने होंगे ये दस्तावेज

आवेदक को वैध या समाप्त हो चुके पासपोर्ट, आवासीय परमिट, पति या पत्नी की भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण मसलन, भारतीय पासपोर्ट या जन्म प्रमाणपत्र की प्रति या मैरेज रजिस्ट्रार द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र की प्रति प्रदान करनी होगी। हालांकि, इन दस्तावेज को जमा करना अनिवार्य नहीं है।

कौन-कौन हैं पात्र?

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। 2014 से पहले भारत में रह रहे गैर मुस्लिम शरणार्थी इसके पात्र होंगे। आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन की सुविधा मिलेगी।

क्या है CAA लाने का उद्देश्य?

  • बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वालों की रक्षा करना है।
  • सीएए में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों के लिए नागरिकता नियम को आसान बनाया गया है।
  • आवेदक को सिर्फ यह साबित करना होगा कि वह 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आ गया था। इसके लिए नियम तय किए गए हैं।

संसद में चार साल पहले हुआ था पारित

उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2019 में संसद के दोनों सदनों ने सीएए पारित किया था। विपक्ष ने इस कानून का विरोध किया था। इसके खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। हालांकि, सरकार ने कहा था कि ये कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है।

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