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    CAA Notification: अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के इन राज्यों में नहीं लागू होगा सीएए, क्या है कारण?

    CAA Notification नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी। भारत के पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। हालांकि ये कानून पूर्वोत्तर राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा।

    By Agency Edited By: Mohd Faisal Updated: Tue, 12 Mar 2024 08:44 AM (IST)
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    CAA Notification: अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के इन राज्यों में नहीं लागू होगा सीएए (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) सोमवार को लागू हो गया है। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। हालांकि, ये कानून पूर्वोत्तर राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा।

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    समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा, जिनमें संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा प्राप्त क्षेत्र भी शामिल है।

    क्यों नहीं होगा लागू?

    कानून के अनुसार, इस कानून को उन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा, जहां देश के अन्य हिस्सों के लोगों को यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) की जरूरत है। बता दें कि इनर लाइन परमिट पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है।

    इन राज्यों को मिलेगी छूट

    अधिकारियों ने सोमवार को अधिसूचित कानून के नियमों का हवाला से बताया कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदों का गठन किया गया था, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है। ये स्वायत्त परिषदें असम, मेघालय और त्रिपुरा में अस्तित्व में हैं।

    क्या है CAA?

    बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी। भारत के पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा।

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