CISF की तैयारी करने वालों के लिए खुशखबरी, अब हर साल होगी 14 हजार जवानों की नियुक्ति
पिछले एक दशक में देश के आर्थिक विकास के साथ सीआईएसएफ का महत्व बढ़ा है। जवानों की संख्या 2014 में एक लाख आठ हजार से बढ़कर एक लाख 62 हजार हो गई है और गृह मंत्रालय ने इसे दो लाख 20 हजार करने की अनुमति दी है। संसद भवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सीआईएसएफ को दी गई है जिससे इसकी क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में पिछले एक दशक में तेज आर्थिक विकास के साथ-साथ सीआईएसएफ की अहमियत भी बढ़ती जा रही है। 2014 में सीआईएसएफ में एक लाख आठ हजार जवान थे, जिनकी संख्या बढ़कर एक लाख 62 हजार हो चुकी है और गृह मंत्रालय ने अब इसे बढ़ाकर दो लाख 20 हजार करने की अनुमति दे दी है।
इसके लिए सीआईएसएफ ने अगले पांच सालों तक हर साल 14 हजार नए जवानों की नियुक्ति की योजना बनाई है। सीआईएसएफ की गठन देश के औद्योगिक, सामरिक, हवाई अड्डों, मेट्रो और परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए किया गया था। बाद में अर्थव्यवस्था में अहम योगदान करने वाली निजी क्षेत्र की इकाइयों को भी इसमें शामिल कर लिया गया।
सुरक्षा की बढ़ती मांग और सीआईएसएफ की क्षमता
यही नहीं, संसद भवन के भीतर रंगीन धुएं का बम फेंकने की घटना के बाद पूरे संसद परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सीआईएसएफ के हवाले कर दी गई है। जाहिर है सुरक्षा की बढ़ती मांग के साथ-साथ सीआईएसएफ की क्षमता बढ़ाने की जरूरत पड़ती गई।
जवानों को दी जा रही युद्ध की ट्रेनिंग
जवानों की बढ़ी हुई संख्या के आधार पर सीआईएसएफ ने एक नया रिजर्व बटालियन बनाने का फैसला किया है। एक तरफ सीआईएसएफ में जवानों की संख्या में तेज बढ़ोतरी हो रही है, तो वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद उसके जवानों को पूरी तरह से युद्ध के तैयार भी किया जा रहा है। इस सिलसिले में सेना की ओर से सीआईएसएफ के जवानों की ट्रेनिंग भी शुरु की गई है।
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