'सदन के वेल में CISF जवानों का आना बेहद अपमानजनक', खरगे ने उपसभापति लिखी चिट्ठी
मानसून सत्र में बिहार मतदाता सूची और अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वेल में सीआईएसएफ कर्मियों को बुलाए जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने उपसभापति को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने का आग्रह किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस घटना पर टिप्पणी की है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून सत्र में बिहार मतदाता सूची विशेष सघन पुनरीक्षण सहित अन्य मुद्दों को लेकर लगातार गतिरोध बना हुआ है। हर दिन विपक्ष की ओर से इन मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया जा रहा है।
इस बीच राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सांसदों के राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन के दौरान वेल में सीआइएसएफ कर्मियों को बुलाए जाने का गंभीर मुद्दा उठाया है। इस संबंध में उपसभापति को पत्र लिखकर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई है।
'हम स्तब्ध और हैरान...'
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को उपसभापति हरिवंश को सभी विपक्षी दलों की ओर से पत्र लिखा। इसमें उन्होंने लिखा, ''हम यह देखकर आश्चर्यचकित और स्तब्ध हैं कि जब सांसद अपने लोकतांत्रिक अधिकार के तहत विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो संसद की वेल में सीआइएसएफ कर्मियों को बुलाया लिया गया।''
खरगे ने आरोप लगाया कि ऐसा गुरुवार को हुआ और शुक्रवार को भी। सवाल उठाया कि क्या संसद का स्तर इतना नीचे गिर गया है? उन्होंने आपत्ति और स्पष्ट शब्दों में निंदा करते हुए उपसभापति को लिखा है कि हम आशा करते हैं कि भविष्य में जब सांसद जनहित के मुद्दों को उठा रहे हों तो वेल में सीआइएसएफ कर्मियों को न लगाया जाए।
'अब हम सदन में सीआइएसएफ के जवानों का कब्जा...'
खरगे की ओर से उपसभापति को लिखे गए पत्र को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी एक्स पर साझा किया। इसके साथ ही टिप्पणी किया कि राज्यसभा के सभापति के अचानक और अभूतपूर्व इस्तीफे के बाद अब हम सदन में सीआइएसएफ के जवानों का कब्जा देख रहे हैं।
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