चीन को चुभने वाले सवालों पर DeepSeek ने खड़े कर दिए हाथ... कहीं चिनफिंग की कठपुतली तो नहीं चाइनीज AI
चीन के नये एआई प्लेफॉर्म डीपसीक ने भले ही खूब सुर्खियां बटोरी हों लेकिन अब इसका चीन की कम्युनिस्ट सरकार के प्रति प्रेम भी उजागर हो रहा। जब डीपसीक से कुछ ऐसे सवाल पूछे गए जो चीन को चुभने वाले हैं तो उसने गोल-मोल जवाब देना शुरू कर दिया। जब पूछा गया कि थ्येन आनमन चौक पर क्या हुआ था तो उसने कहा कि यह मेरी क्षमता से बाहर है।
जेएनएन, नई दिल्ली। चीन का एआई प्लेटफॉर्म डीपसीक दूसरे एआई प्लेटफॉर्म की तुलना में सस्ता होने और अपने प्रदर्शन के कारण चर्चा में है। इसने चीन और पश्चिमी देशों, खास तौर पर अमेरिका के बीच एआई को लेकर चल रही प्रतिस्पर्धा को और तीखा कर दिया है।
इस बीच यह देखा जा रहा है कि डीपसीक चीन को चुभने वाले सवालों पर गोलमोल जवाब दे रहा है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इन पक्षपाती जवाबों ने इसको लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।
सवालों के दिए गोल-मोल जवाब
जैसे डीपसीक से जब पूछा गया कि थ्येन आनमन चौक पर क्या हुआ था तो उसका जवाब था कि यह मेरी क्षमता से बाहर है। किसी और चीज के बारे में बात करें।
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वहीं जब अमेरिकी एआई प्लेटफॉर्म चैटजीपीटी से यही सवाल पूछा गया तो उसका जवाब था कि थ्येन आनमन नरंसहार 1989 में बीजिंग में हुआ था। यहां लोकतंत्र की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा था, जिसे कुचलने के लिए चीन की सरकार ने हिंसा का सहारा लिया।
कोरोना पर भी घुमाया
- ऐसे में राजनीतिक रूप से संवदेनशील सवालों को लेकर डीपसीक की सीमाएं भी उजागर हो रही हैं। इसी तरह से जब डीपसीक से पूछा गया कि कोविड कहां से शुरू हुआ था तो इस पर उसका जवाब घुमाने वाला था।
- चीनी एआई प्लेटफॉर्म के जवाब में चीन और वुहान का जिक्र ही नहीं था। ऐसे में सवाल उठ रहा है एआई प्लेटफॉर्म अगर किसी सवाल का तथ्यात्मक जवाब देने के बजाए अपने देश और सरकार की सहूलियत को ध्यान में रख कर जवाब दे रहा है, तो उसकी सटीकता पर कितना भरोसा किया जा सकता है।
- एक एक्स यूजर ने डीपसीक पर लिखा कि अरुणाचल प्रदेश एक भारतीय राज्य है। इस पर चैटबाट ने जवाब दिया माफ करें, यह मेरी क्षमता से बाहर है। भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों की सूची मांगने पर भी डीपसीक ने इसी तरह का जवाब दिया।
प्रोग्रामिंग पर उठ रहे सवाल
इस तरह के जवाब सामने आने के बाद डीपसीक की प्रोग्रामिंग को लेकर चिंता जताई जा रही है। चर्चा हो रही है कि खास तौर पर राजनीतिक रूप से संवदेनशील विषयों पर इसकी सीमाएं सोची-समझी रणनीति है या किसी तकनीकी खामी की वजह से ऐसा है।
भारत-चीन युद्ध जैसी ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर डीपसीक की सीमाएं एक बार फिर से उजागर हो गईं। हालांकि डीपसीक ने युद्ध की घटनाओं के बारे में जानकारी दी और बताया कि एकतरफा युद्धविराम के बाद यह युद्ध चीन ने जीता लेकिन चीनी चैटबाट ने गहरी पड़ताल वाले सवाल जैसे युद्ध के पीछे क्या कारण थे का जवाब देने से परहेज किया।
इन जवाबों से यह पता चलता है कि जहां अपनी बात कहने की स्वतंत्रता नहीं है, उन देशों में विकसित एआई टेक्नोलाजी अपने देश या सरकार की नीतियों या उनके नरेटिव से प्रभावित हो सकती हैं।
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