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    आतंकियों का हितैषी चीन! 5 पाक टेररिस्ट को बैन होने से ड्रैगन ने बचाया, रिपोर्ट में खुलासा

    Updated: Mon, 26 May 2025 07:10 PM (IST)

    भारत-पाक रिश्तों के बीच चीन का दोहरा चरित्र फिर उजागर हुआ है। चीन पाकिस्तान स्थित आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित करने के प्रयासों में लगातार बाधा डाल रहा है। NIA के अनुसार चीन ने अब्दुल रऊफ असगर साजिद मीर जैसे आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्तावों पर अड़ंगा लगाया। इन आतंकियों पर 26/11 पुलवामा समेत कई हमलों में शामिल होने का आरोप है।

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    NIA ने कथित तौर पर आतंकियों को बैन पर रोक में चीन की संलिप्तता की ओर इशारा किया है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के तल्ख रिश्तों के बीच एक बार फिर चीन का छिनौना सच सामने आया है। इस बार सामने आ गया है कि चीन भी पाकिस्तान के आतंकियों को पनाह देने का पक्षधर है, इसलिए वह इन्हें प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पर रोक लगाता रहा है। 

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    इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से तैयार किए गए एक डोजियर में अब्दुल रऊफ असगर, साजिद मीर, अब्दुर रहमान मक्की, तल्हा सईद, शाहिद महमूद रहमतुल्लाह पर प्रतिबंधों को रोक लगाने में चीन की संलिप्तता की ओर इशारा किया गया है।

    चीन ने कथित तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के पांच आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने और उन्हें वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत के प्रस्ताव को रोक दिया है।

    कौन हैं ये आंतकी और चीन ने कब कब लगाया अडंगा?

    इकोनॉमिक टाइम्स का दावा है कि NIA की डोजियर में अब्दुल रऊफ असगर, साजिद मीर, अब्दुर रहमान मक्की, तल्हा सईद, शाहिद महमूद रहमतुल्लाह का नाम शामिल है। ये सभी आतंकी 26/11 हमले, 2019 पुलवामा हमले, 2016 पठानकोट हमला, 2001 संसद हमला और आईसी 814 अपहरण में शामिल रहे हैं।

    अब्दुर रहमान मक्की

    चीन ने सबसे पहले 2022 में अब्दुर रहमान मक्की को UN की प्रतिबंधित सूची में डालने के भारत के प्रयास को रोका था। हालांकि, 2023 में इसने अपनी रोक हटा ली और लश्कर के राजनीतिक मामलों के प्रमुख मक्की को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया गया। हालांकि, सूत्रों का हवाला देते हुए, ET की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि मक्की मर चुका है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में संदेह पैदा हो गया है। वह कथित तौर पर लश्कर के लिए फंड जुटाने में शामिल है।

    साजिद मीर

    रिपोर्ट के अनुसार, साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को चीन ने 2023 में रोक दिया था। एनआईए के डोजियर में कहा गया है कि मीर 26/11 हमले में अपनी भूमिका के लिए वॉन्टेड है। दिलचस्प बात यह है कि उसे मई 2022 में आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में लाहौर में गिरफ्तार किया गया था और तीन सप्ताह के भीतर त्वरित सुनवाई में दोषी ठहराया गया था। साजिद मीर को 30 अगस्त, 2012 को अमेरिका की ओर से खास तौर से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) के रूप में नामित किया गया है। वह एफबीआई की मोस्ट वांटेड सूची में भी है।

    अब्दुल रऊफ असगर

    रिपोर्ट के अनुसार, भारत और अमेरिका ने 27 जुलाई, 2022 को अब्दुल रऊफ असगर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के पहले प्रस्ताव को साथ में बनाया था। इस प्रस्ताव को चीन ने 10 मई, 2023 तक तीन महीने के लिए रोक दिया था। इसे आखिरकार 10 मई, 2023 को चीन ने रोक दिया था।

    असगर 1999 में काठमांडू से कंधार तक IC-814 विमान के अपहरण का मास्टरमाइंड था। वह पाकिस्तान में ट्रेनिंग कैंप तैयार करने और भारती की जमीन पर आतंकी हमलों का कॉर्डिनेशन करने में भी अहम भूमिका निभाता रहा है। असगर 2001 के संसद हमले और 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले का मुख्य साजिशकर्ता भी था। भारतीय जांच एजेंसियों ने एक आंतकी के फोन से मिले सबूतों के आधार पर यह भी पाया कि वह 2019 के पुलवामा हमले में भी शामिल था।

    तल्हा सईद

    रिपोर्ट में कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा का नेता और आंतकी हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद के खिलाफ भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को चीन ने 2022 से रोक दिया था। तल्हा कथित तौर पर भारत और अफगानिस्तान में भारतीय हितों में लश्कर-ए-तैयबा की ओर से भर्ती, फंड जुटाने, प्लान बनाने और हमलों को अंजाम देने में एक्टिव रोल में शामिल था।

    शाहिद महमूद रहमतुल्लाह

    शाहिद रहमतुल्लाह प्रतिबंधित संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) का डिप्टी चीफ है। ये लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, उसके खिलाफ प्रस्ताव को भी चीन ने 2022 से रोक दिया था। रहमतुल्लाह भारत विरोधी गतिविधियों के लिए मजहबी काम की आड़ में फंड भेजकर भारत में ठिकाने और समर्थक बनाने की साजिश में शामिल था।

    इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने आतंकी संगठन TRF को प्रतिबंधित करने को लेकर भी तीन प्रस्ताव दिए थे, लेकिन सभी प्रस्ताव चीन ने रोक दिए। पहला प्रस्ताव दिसंबर 2023 में दिया गया था, जबकि दूसरी बार मई 2024 में दिया गया। इसके बाद फरवरी 2025 में भी भारत ने टीआरएफ के खिलाफ प्रस्ताव दायर किए थे, इसे भी चीन ने रोक दिया था।

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