दलाई लामा के चयन में चीन रखना चाहता है दखल, भारत ने दी सधी प्रतिक्रिया; जानिए क्या है विवाद
धर्मशाला में दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर चीन ने स्पष्ट किया कि वह अगले दलाई लामा के चयन में वर्तमान दलाई लामा के निर्देशों का पालन करने का इरादा नहीं रखता। दलाई लामा ने कहा था कि चयन प्रक्रिया पूर्ववत जारी रहेगी और चीन की कोई भूमिका नहीं होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जिस दिन धर्मशाला में 14वें बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा का 90वां जन्मदिन मनाया गया उस दिन चीन ने एक बार फिर यह साफ संकेत दिया है कि अगले दलाई लामा के चयन को लेकर वह मौजूदा दलाई लामा के निर्देश को मानने की मंशा नहीं रखता है।
पिछले हफ्ते दलाई लामा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि दलाई लामा परंपरा के मुताबिक अगले दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया जैसा पहले चलती थी वैसे ही आगे भी जारी रहेगी। साथ ही इस पूरी प्रक्रिया में चीन की किसी भी तरह की भूमिका को भी खारिज कर दिया था।
भारत ने दी सधी प्रतिक्रिया
भारत ने इस पूरे प्रकरण पर बहुत ही सधी प्रतिक्रिया दी है कि वह धार्मिक व आस्था से जुड़े मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करता। चीन का विदेश मंत्रालय पहले ही साफ कर चुका है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन को लेकर उसकी मंजूरी जरूरी है।
जबकि रविवार को भारत में चीन के राजदूत शु फीहोंग ने कहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी चुनने की परंपरा ना तो वर्तमान दलाई लामा के साथ शुरु हुआ है और ना ही इनके साथ खत्म होगा।
ऐसे में इन्हें दलाई लामा के अवतार चयन व्यवस्था को जारी रखने या उसे खत्म करने के बारे में फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है। चीन के राजदूत के इस बयान को अगले दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया के मामले में अपने रुख को कठोर करने के तौर पर देखा जा रहा है।
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