Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राफेल के खिलाफ चीन के दुष्प्रचार की खुल गई पोल, J-35 बेचने के लिए रची साजिश; अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा

    By JAIPRAKASH RANJANEdited By: Deepak Gupta
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 04:40 PM (IST)

    एक अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन ने राफेल लड़ाकू विमानों के खिलाफ दुष्प्रचार किया, जिसका उद्देश्य अपने जे-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री को बढ़ावा देना था। चीन ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का उपयोग करके राफेल की छवि को खराब करने की कोशिश की और झूठी खबरें फैलाईं। हालांकि, इस दुष्प्रचार का भारत पर कोई खास असर नहीं हुआ है।

    Hero Image

    राफेल विमान। (फोटो- डसॉल्ट एविएशन)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत ने जब ऑपरेशन सिंदूर चलाया तब चीन ने खुलकर और हर तरह से पाकिस्तान को ना सिर्फ मदद दी बल्कि भारतीय वायु सेना के युद्धक विमान राफेल के खिलाफ जमकर दुष्प्रचार भी किया। यहां तक कि इंटरनेट पर आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस से बनाये गये विमानों के टुकड़ों को भारतीय वायु सेना की तरफ से इस्तेमाल किये गये राफेल के ध्वस्त टुकड़ों के तौर पर पेश किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चीन की कोशिश रही कि फ्रांसीसी कंपनी की तरफ से तैयार राफेल की जगह उसकी जे-10 युद्धक विमान ज्यादा सही हैं। इस आधार पर चीन ने इंडोनेशिया की तरफ से राफेल खरीदने के प्रस्ताव को स्थगित करने में सफलता भी हासिल की। इस सनसनीखेज तथ्यों का खुलासा अमेरिकी कांग्रेस की तरफ से गठित अमेरिका-चीन आर्थिक व सुरक्षा समीक्षा आयोग की ताजी रिपोर्ट में किया हुआ है।

    इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के तीन विमानों को मार गिराया गया था। हालांकि इसकी प्रमाणिकता से पुष्टि नहीं की गई है बल्कि दूसरी रिपोर्टों का हवाला दिया गया है।

    चीन ने जे-35 का किया जोर-शोर से प्रचार

    रिपोर्ट में कहा गया है कि, “संघर्ष के बाद के हफ्तों में चीनी दूतावासों ने भारत-पाकिस्तान टकराव में अपनी प्रणालियों की सफलता का जोर-शोर से प्रचार किया, ताकि उनकी हथियारों की बिक्री को बढ़ावा मिले। पाकिस्तान द्वारा चीनी हथियारों का इस्तेमाल करके भारत के फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमानों को मार गिराने को चीनी दूतावासों के रक्षा बिक्री प्रयासों के लिए एक खास सेलिंग पॉइंट बनाया, भले ही भारत की सेना के केवल तीन जेट ही कथित तौर पर मार गिराए गए थे और वे सभी राफेल नहीं भी हो सकते थे।"

    जे-35 की बिक्री बढ़ाने के लिए राफेल के खिलाफ दुष्प्रचार

    फ्रांसीसी खुफिया एजेंसी के अनुसार, "चीन ने अपने जे-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री को बढ़ाने के लिए फ्रांसीसी राफेल की बिक्री को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की और इसके लिए एक सुनियोजित दुष्प्रचार अभियान चलाया। इसमें फर्जी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके एआइ और वीडियो गेम की तस्वीरों को कथित “मलबे” के रूप में प्रचारित किया गया, जो कथित तौर पर चीनी हथियारों से नष्ट किए गए विमानों का था।”

    ट्रंप ने किया भारतीय विमान गिरने का दावा, भारत ने नहीं की पुष्टि

    सनद रहे कि इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भी भारतीय युद्धक विमानों के मारे जाने का दावा किया था। भारत सरकार की तरफ से इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं है। 31 मई, 2025 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था। ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन भारत को कुछ हानि हुई थी लेकिन उसकी जल्द ही गलतियों को दूर कर पाकिस्तान को भारी हानि पहुंचाई गई।

    इसके बाद राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दासो के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने एक मीडिया को बताया था कि भारतीय वायु सेना को एक राफेल की हानि हुई लेकिन उसे पाकिस्तान ने नहीं मारा था।

    पाकिस्तान ने चीनी हथियारों की ताकत को प्रदर्शित किया- रिपोर्ट

    रिपोर्ट में यह भी कहा है कि, “भारत के साथ चार दिनों के संघर्ष में पाकिस्तान की सैन्य सफलता ने चीनी हथियारों की ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया। भले ही इस संघर्ष को “प्रॉक्सी वॉर” (छद्यम युद्ध) कहना चीन की भड़काने वाली भूमिका को बढ़ा-चढ़ाकर बताना हो, लेकिन बीजिंग ने अवसरवादी तरीके से इस टकराव का इस्तेमाल अपने हथियारों की उन्नत तकनीक का परीक्षण करने और प्रचार करने के लिए किया। यह भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के संदर्भ में और अपनी बढ़ती रक्षा उद्योग महत्वाकांक्षाओं के लिए उपयोगी साबित हुआ।"

    पाकिस्तान ने चीन से खरीदे हथियार

    पाकिस्तान का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता होने के नाते, चीन ने 2019 से 2023 के बीच पाकिस्तान के कुल हथियार आयात का लगभग 82 प्रतिशत हिस्सा उपलब्ध कराया। उक्त रिपोर्ट यह भी बताती है कि किस तरह से चीन व पाकिस्तान के बीच सैन्य गठबंधन साल दर साल मजबूत हो रहे हैं। जून, 2025 में चीन ने पाकिस्तान को जे-35 युद्धक जहाज, केजे-500 विमान, बैलिस्टिक मिसाइलें बेचने का प्रस्ताव रखा है।

    रिपोर्ट में भारत और चीन के बीच हाल के दिनों मे बढ़ रहे संपर्कों का भी जिक्र है। पिछले वर्ष पीएम मोदी और राष्ट्रपति चिनफिंग की बैठक, इस साल सितंबर, 2025 में पीएम मोदी की चीन की यात्रा पर जाना, दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच लगातार हो रही बैठकों के बारे में रिपोर्ट कहती है कि, “यह देखना अभी बाकी है कि 2025 में चीन और भारत के बीच हाल में किये गये समझौते केवल एक अल्पकालिक कदम हैं, जो भारत की अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं में अपने पक्ष को बचाने के उद्देश्य से प्रेरित है या यह द्विपक्षीय संबंधों में सामान्यीकरण की दिशा में एक दीर्घकालिक बदलाव है।”

    इसे भी पढ़ें: 'बार-बार आत्महत्या की धमकी देना क्रूरता', HC ने युवक को दी तलाक की अनुमति