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    दुनिया में प्लास्टिक का कचरा बढ़ा रहा चीन, दूसरे स्थान पर अमेरिका का नाम; रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे

    Updated: Thu, 10 Apr 2025 11:30 PM (IST)

    रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर 40 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा लैंडफिल में चला जाता है 34 प्रतिशत जला दिया जाता है तथा केवल नौ प्रतिशत का ही रीसा ...और पढ़ें

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    2022 में लगभग 40 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ लगातार कदम उठा रहा है। एक शोध पत्र के अनुसार 2022 में दुनिया में करीब 26.8 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा हुआ। वैश्विक आबादी का 17 प्रतिशत से अधिक हिस्सा होने के बावजूद भारत की प्लास्टिक कचरे में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 3.54 प्रतिशत रही।

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    चीन ने सबसे अधिक कचरा (आठ करोड़ 15 लाख टन) पैदा हुआ। अमेरिका में (लगभग चार करोड़), यूरोपीय संघ (तीन करोड़) और भारत (95 लाख) का स्थान रहा। जहां तक प्लास्टिक उत्पादन की बात है तो 2022 में लगभग 40 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ। इसमें भारत की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत रही, जबकि चीन और अमेरिका का योगदान क्रमश: 32 प्रतिशत और 42 प्रतिशत रहा।

    20 प्रतिशत प्लास्टिक का उपयोग करता है चीन

    नेचर जर्नल में प्रकाशित विश्लेषण में कहा गया है कि चीन प्लास्टिक का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। वह दुनिया के 20 प्रतिशत प्लास्टिक का उपयोग करता है। अमेरिका 18 प्रतिशत, यूरोपीय संघ 16 प्रतिशत, भारत छह प्रतिशत तथा जापान चार प्रतिशत प्लास्टिक का उपभोग करता है। प्रति व्यक्ति खपत सबसे अधिक अमेरिका में 216 किलोग्राम प्रति व्यक्ति थी।

    जापान में यह 129 किलोग्राम प्रति व्यक्ति और यूरोपीय संघ में 87 किलोग्राम प्रति व्यक्ति थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पैकेजिंग में सबसे अधिक प्लास्टिक का उपयोग हुआ (15. 8 करोड़ टन), इसके बाद निर्माण क्षेत्र (सात करोड़ 20 लाख टन), ऑटोमोटिव (तीन करोड़ 20 लाख टन), इलेक्ट्रानिक्स (दो करोड़ 80 लाख टन), घरेलू और वस्त्र (दो करोड़ 80 लाख टन) और कृषि (एक करोड़ 60 लाख टन) का स्थान रहा।

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