UK देगा फ्री में वीजा, चीन लाया K-Visa... H-1B पर ट्रंप के फैसले के बाद भारतीयों को लुभाने में जुटे दूसरे देश
H1B वीजा संकट के बीच चीन और ब्रिटेन वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित कर रहे हैं। चीन नए रोजगार वीजा शुरू कर रहा है वहीं ब्रिटेन वीजा शुल्क माफी पर विचार कर रहा है। चीन ने के-वीजा की घोषणा की है जो विदेशी प्रतिभाओं के लिए है। ब्रिटेन सरकार भी वीजा शुल्क माफ करने पर विचार कर रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एच1बी वीजा संकट के बीच चीन और ब्रिटेन ने वैश्विक प्रतिभाओं के लिए अपने द्वार खोल दिए हैं। चीन जहां अगले महीने से नए रोजगार वीजा को शुरू करने की तैयारी कर रहा है, वहीं ब्रिटेन सरकार वीजा शुल्क माफी पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी अमेरिकी वीजा पर एक लाख डॉलर का शुल्क लगा दिया है।
यह फीस सिर्फ एक बार देनी होगी और नए आवेदन पर लागू होगी। सभी एच-1बी वीजा में भारतीयों की हिस्सेदारी लगभग 71 प्रतिशत (2.8 लाख से अधिक) है, जिसके बाद चीनी पेशेवरों की हिस्सेदारी लगभग 11.7 प्रतिशत या 46,600 से अधिक है। चीन ने ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा के लिए भारी शुल्क लगाने के कदम पर सोमवार को टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया, लेकिन चीन में काम करने के लिए वैश्विक प्रतिभाओं को आमंत्रित किया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, बीजिग वैश्विक प्रतिभाओं का स्वागत करता है। वे चीन आएं और यहां रहकर मानव समाज की प्रगति में संयुक्त रूप से योगदान दें और अपने करियर में सफलता प्राप्त करें।
चीन ने की है 'के-वीजा' की घोषणा
जहां अमेरिका अपने वीजा नियमों को कड़ा कर रहा है, चीन ने 'के-वीजा' नामक नए वर्क परमिट की घोषणा की है, जिसके तहत योग्य पेशेवर दुनियाभर से चीन आकर अवसरों की तलाश कर सकते हैं। 'के-वीजा' एक अक्टूबर से प्रभावी होगा। यह वीजा विदेशी युवा प्रतिभाओं और विज्ञानियों के लिए उपलब्ध होगा। इसके लिए किसी घरेलू नियोक्ता से आमंत्रण की आवश्यकता नहीं होगी।
सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, नए वीजा श्रेणी को स्टेट काउंसिल ने मंजूरी दे दी है। मौजूदा वीजा की तुलना में 'के-वीजा' धारकों को में कई सहूलियत दी गई हैं। चीन ने 40 से अधिक देशों के पर्यटकों के लिए अल्पकालिक प्रवास हेतु वीजा-मुक्त प्रवेश की भी घोषणा की है।
वीजा शुल्क माफी पर विचार कर रहा ब्रिटेन
ब्रिटेन सरकार वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए वीजा शुल्क माफी पर विचार कर रही है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष की शुरू किए गए ग्लोबल टैलेंट फंड द्वारा समर्थित ग्लोबल टैलेंट टास्कफोर्स, भारतीयों सहित अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को आकर्षित करने के लिए और अधिक सक्रिय हो रहा है। ब्रिटेन के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के तरीकों का पता लगाने के लिए यह टास्कफोर्स, प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर और वित्त मंत्री रेचल रीव्स को रिपोर्ट करता है।
स्टार्मर ने टास्कफोर्स गठित किया था। इसकी अध्यक्षता ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के व्यापार सलाहकार वरुण चंद्रा और विज्ञान मंत्री लॉर्ड पैट्रिक वैलेंस करते हैं। सरकारी अधिकारी ने कहा, हम वीजा लागत को शून्य करने के विचार पर विचार कर रहे हैं। हम उन लोगों के बारे में बात कर रहे हैं जिन्होंने दुनिया के शीर्ष पांच विश्वविद्यालयों में पढ़ाई की है या प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं।
भारत-चीन के इंजीनियरों ने बचाया एक्स
एक्स (पहले ट्विटर) की पूर्व एग्जिक्यूटिव एस्थर क्राफर्ड ने एक्स पर आप्रवासी विरोधी बयानबाजी पर पलटवार करते हुए कहा कि यह इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एच-1बी धारक भारत और चीनी इंजीनियरों की वजह से बचा हुआ है। इन इंजीनियरों ने कंपनी के अधिग्रहण की अवधि के दौरान अथक परिश्रम किया था। क्राफोर्ड ने कंपनी के अधिग्रहण और एक्स के रूप में पुन:ब्रांडिंग के दौरान प्रोडक्ट मैनेजमेंट डायरेक्टर के रूप में कार्य किया था।
क्राफोर्ड ने एक्स पर पोस्ट किया, ट्विटर/एक्स एच-1बी इंजीनियरों की वजह से बचा रहा, जिनमें से अधिकतर भारत और चीन से थे। वे अधिग्रहण के बाद भी लंबे समय तक काम किया और अमेरिकी सहयोगियों के साथ मिलकर बेहद जटिल समस्याओं का समाधान किया। जब आप्रवासी-विरोधी टिप्पणियां पोस्ट करें, तो याद रखें, उन्हीं की वजह से आप ट्वीट कर पा रहे हैं।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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