Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नक्सलियों के दिए जख्मों को भूल सावित्री बनी दुल्हन, शुरू की नई जिंदगी

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Thu, 04 Jan 2018 04:28 PM (IST)

    सावित्री उर्फ रेशमा को नक्सलियों ने अपहरण कर संगठन में शामिल कर थमा दी थी बंदूक, समर्पण करने पर पुलिस ने पढ़ाया-लिखाया, बालिग होने पर कराई शादी, दूल्हे को नौकरी भी दी

    नक्सलियों के दिए जख्मों को भूल सावित्री बनी दुल्हन, शुरू की नई जिंदगी

    राजनांदगांव (नईदुनिया)। सावित्री उर्फ रेशमा की जिंदगी में बुधवार तीन जनवरी, 2018 खुशियों का खजाना लेकर आयी। 13 साल की उम्र में नक्सलियों ने रेशमा का अपहरण कर लिया था। बाद में जब वह मुख्यधारा में आई तो नक्सलियों ने रेशमा के पिता की हत्या कर दी थी। लेकिन पुलिस ने रेशमा के जख्मों पर मरहम लगाया। उसे लिखाया-पढ़ाया। अब बालिग होने पर उसकी इच्छानुसार बुधवार को शादी कराई। यही नहीं, एसपी प्रशांत अग्रवाल ने उपहार स्वरूप उसके पति को पुलिस पेट्रोल पंप में नौकरी भी दे दी। सावित्री के लिए यह सब किसी सपने के सच होने जैसा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     

    घर से उठा ले गए थे नक्सली 

     

    कांकेर जिले के कच्चे थाना क्षेत्र के ग्राम तमोड़ा की रहने वाली सावित्री पिता स्व. आयतुराम विश्वकर्मा को नक्सली 2011-12 में घर से उठाकर ले गए थे। उस समय सावित्री की उम्र महज 13 साल थी। नक्सलियों ने उसे अपने संगठन में शामिल कर लिया। नक्सलियों ने उसे हथियार भी थमा दिये थे।

     

    समर्पण के बाद पिता की हत्या :

     

    2014 में सावित्री ने आत्मसमर्पण कर दिया। इससे गुस्साए नक्सलियों ने उसके पिता की हत्या कर दी। समर्पण किया तो उसकी उम्र 15 वर्ष थी। नाबालिग होने की वजह से उसकी जिम्मेदारी पुलिस ने खुद उठाई। स्कूल में शिक्षा दिलाई।

     

     

    खुद जताई विवाह की इच्छा 

     

    बालिग होने के बाद सावित्री ने खुद विवाह की इच्छा जताई, जिसके बाद प्रवाही फाउंडेशन की मदद से सावित्री बुधवार को परिणय- सूत्र में बंधी। पुनर्वास नीति के तहत सावित्री को डेढ़ लाख रुपये भी दिए गए।

     

    यूं जुड़ा रिश्ता 

     

    मोहला क्षेत्र निवासी दूल्हा जोहन मानसिंह सलामे पुणे में मजदूरी करता था। उसके जीजा की एक पुलिसकर्मी से मित्रता है। उसी के जरिए सावित्री के बारे में  जानकारी मिली। जीजा ने जब सावित्री की चर्चा जोहन से की तो उसने रिश्ता स्वीकार कर लिया। जोहन ने कहा कि समाज में सभी को सामान रूप से रहने का अधिकार है। इसी सोच से मैंने सावित्री से विवाह किया। 

     

    एसपी ने दिया आशीर्वाद

     

    नवदंपती को एसपी प्रशांत अग्रवाल समेत कई पुलिस अधिकारियों ने आशीष दिया। एसपी ने बताया कि उनके रहने की व्यवस्था पुलिस कैंप में की गई है, जिससे उन्हें पूरी सुरक्षा मिल सके।

     

    यह भी पढ़ें: पर्यावरण को बचाने के लिए भारत ने बढ़ाए कदम, छाएगी हरियाली आएगी खुशहाली