छत्तीसगढ़ झंडा विवाद: शहर की सीमाएं रहेंगी सील, कवर्धा में 1000 के खिलाफ एफआइआर
कवर्धा में गत रविवार को झंडा लगाने और हटाने के विवाद ने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया था। दो संप्रदायों के बीच काफी तनाव की स्थिति रही। मामले में अब तक एक हजार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के कवर्धा स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय में शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि कवर्धा दंगा मामले में अब तक एक हजार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। कुल 172 लोगों की पहचान हुई है, जिसमें से पुलिस ने 93 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में 24 लोग कोरबा, मुंगेली, बेमेतरा सहित अन्य जिलों के निवासी हैं। प्रकरण में अलग-अलग सात एफआइआर दर्ज की गई हैं।
गौरतलब है कि कवर्धा में गत रविवार को झंडा लगाने और हटाने के विवाद ने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया था। दो संप्रदायों के बीच काफी तनाव की स्थिति रही। एसपी गर्ग ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से मिले वीडियो फुटेज और फोटो से आरोपितों की पहचान की जा रही है। अगर किसी के पास घटना से जुड़े डिजिटल तथ्य हों तो वे पुलिस को सौंप सकते हैं। आइजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि इंटरनेट मीडिया व यूट्यूब से कुछ आपत्तिजनक वीडियो हटवाए गए हैं। मामले की अभी जांच जारी है। धारा 144 अभी लागू रहेगी।
कवर्धा कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि आम लोग सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक शहर के भीतर आवाजाही करते हुए अपना कामकाज कर सकेंगे। इस दौरान शहर की सीमाएं पहले की तरह की सील रहेंगी। बाहर के लोग शहर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। अलबत्ता, इंटरनेट सुविधा बहाल कर दी गई है।
पांच दिन बाद आई शांति
सांप्रदायिक बवाल के पांच दिन बाद शनिवार को कवर्धा शहर में अमन-शांति रही। बाजार खुले। ठेले-खोमचे वालों ने भी दुकानें सजाई। हालांकि, सुरक्षा के मद्देनजर शाम होते ही बाजार बंद करा दिए गए। इस दौरान पुलिस अलर्ट रही।
'कवर्धा की घटना भाजपा की सुनियोजित साजिश'
प्रदेश सरकार ने कवर्धा की घटना को भाजपा की साजिश करार दिया है। वरिष्ठ विधायक व मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शनिवार को पत्रकारवार्ता कर भाजपा पर दो लोगों के विवाद को सांप्रदायिक रंग देने की साजिश करने का आरोप लगाया। हालांकि, इस दौरान चौबे ने यह भी स्वीकार किया कि इस मामले में शुरुआत में प्रशासनिक चूक हुई है।

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