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    छत्तीसगढ़ PSC 2021 की परीक्षा देने वालों के लिए 'गुड न्यूज', हाई कोर्ट ने दिया नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 10:58 AM (IST)

    छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 2021 CGPSC परीक्षा में उत्तीर्ण बेदाग अभ्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने राज्य सरकार को 60 दिनों के भीतर नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया है। यह आदेश उन अभ्यार्थियों के लिए है जिनके खिलाफ सीबीआई जांच में कोई सबूत नहीं मिला है। अदालत ने स्पष्ट किया कि नियुक्ति के बाद भी गड़बड़ी पाए जाने पर सेवा से हटाया जा सकता है।

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    छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2021 की परीक्षा पर हाई कोर्ट का आदेश। फाइल फोटो

    जेएनएन, बिलासपुर। 2021 में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। मामले की जांच अभी जारी है। परीक्षा पास करने वाले अभ्यार्थी नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, अब हाई कोर्ट से राहत की खबर सामने आई है।

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    छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने परीक्षा पास करने वाले बेदाग अभ्यार्थियों को 60 दिन के भीतर नियुक्ति पत्र सौंपने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट का कहना है कि सीबीआई जांच में जिन अभ्यार्थियों के खिलाफ कोई भी सबूत सामने नहीं आए हैं, उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाए।

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    हाई कोर्ट ने सरकार से क्या कहा?

    बिलासपुर हाई कोर्ट के जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद ने छत्तीसगढ़ सरकार को यह आदेश दिया है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अमितेंद्र ने कहा, 2021 में CGPSC की परीक्षा देने वाले जिन अभ्यार्थियों का नाम सीबीआई की चार्जशीट में शामिल नहीं है और उनके खिलाफ कोई आपराधिक तथ्य नहीं मिले हैं, उन्हें 60 दिनों के भीतर नियुक्ति पत्र दिया जाए।

    171 पदों के लिए हुई थी परीक्षा

    बता दें कि CGPSC ने 26 नवंबर 2021 को राज्य की 20 सेवाओं के लिए 171 पदों पर भर्ती निकाली थी। इनमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, लेखाधिकारी, जेल अधीक्षक, नायब तहसीलदार समेत कई बड़े पद शामिल थे। 11 मई 2023 को परीक्षा के नतीजे सामने आए थे, जिसमें धांधली का आरोप लगा था। राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

    हाई कोर्ट ने दिया आदेश

    2023 में जांच शुरू होते ही सीबीआई ने अभ्यार्थियों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी थी। इसके खिलाफ 60 से ज्यादा अभ्यार्थियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाई कोर्ट का कहना है -

    यदि कुछ अभ्यर्थियों के खिलाफ शिकायतें या आरोप हैं, तो उसके आधार पर पूरे चयन को ही संदेह के घेरे में नहीं डाला जा सकता। ऐसे अभ्यर्थी, जिनका नाम चार्जशीट में नहीं है और जिनके खिलाफ कोई प्रतिकूल तथ्य सामने नहीं आए हैं, उन्हें नियुक्ति से वंचित रखना असंवैधानिक है।

    60 दिन में जारी करें नियुक्ति पत्र: हाई कोर्ट

    हाई कोर्ट ने यहां तक कहा कि नियुक्ति के बाद अगर किसी अभ्यार्थी के खिलाफ जांच में सबूत मिलता है तो उसे सेवा से हटाया ज सकता है। अदालत ने सरकार को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिए हैं कि उसे छात्रों के भविष्य से खेलने का कोई अधिकार नहीं है। आयोग का काम परिणाम जारी करना है, जबकि नियुक्ति पत्र राज्य सरकार जारी करती है। ऐसे में सरकार को 60 दिन के अंदर नियुक्ति पत्र जारी करने के लिए कहा गया है।

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