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    नक्सली हमला: कांग्रेसी नेता समेत 17 मरे, शुक्ल की हालत गंभीर

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    Updated: Sun, 26 May 2013 08:45 AM (IST)

    रायपुर [जागरण न्यूज नेटवर्क]। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम देते हुए शनिवार शाम कांग्रेस की परिवर्तन रैली से लौट रहे नेताओं पर हमला किया। हमले में राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व विधायक उदय मुदलियार मारे गए जबकि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री विद्याचरण शुक्ल आदिवासी नेता कवासी लखमा व पूर्व विधायक फूलो देवी घायल हुए हैं। दो दर्जन और लोगों के मारे जाने की सूचना है लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा।

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    रायपुर [जागरण न्यूज नेटवर्क]। छत्ताीसगढ़ में नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम देते हुए शनिवार शाम कांग्रेस की परिवर्तन रैली से लौट रहे नेताओं पर हमला किया। हमले में राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व विधायक उदय मुदलियार मारे गए जबकि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री विद्याचरण शुक्ल, आदिवासी नेता कवासी लखमा व पूर्व विधायक फूलो देवी घायल हुए हैं। दो दर्जन और लोगों के मारे जाने की सूचना है लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा।

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    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल सहित करीब दर्जन भर कांग्रेसजनों के अपहरण की सूचना है। एक हजार से ज्यादा माओवादियों के हमले में कई सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने व घायल होने की सूचना है।

    विकास यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री रमन सिंह अपना दौरा रद कर राजधानी रायपुर लौट आए हैं और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है। कांग्रेस ने रविवार को छत्ताीसगढ़ बंद का आह्वान किया है।

    छत्ताीसगढ़ में आदिवासियों को नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए रमन सिंह सरकार द्वारा सन 2005 में सलवा जुडूम अभियान शुरू किया गया था। अभियान में विपक्ष को साथ लेने की नीयत से मुख्यमंत्री ने तत्कालीन विपक्ष के नेता महेंद्र कर्मा को सलवा जुडूम की कमान सौंपी थी। तभी से कर्मा नक्सलियों के निशाने पर थे। नक्सल प्रभावित जगदलपुर जिले में शनिवार को कांग्रेस की परिवर्तन रैली आयोजित की गई थी। उसमें भाग लेकर लौट रहे कांग्रेस नेताओं के काफिले पर दरभा नामक स्थान पर शाम करीब साढ़े पांच बजे हमला हुआ। पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के माओवादियों के सहयोग से हुए इस हमले में आगे बढ़ने के रास्ते को कटे पेड़ डालकर रोक दिया गया था। इसके बाद मौके पर बारूदी सुरंग विस्फोट करके सड़क के दोनों ओर से काफिले में शामिल वाहनों पर फायरिंग की गई।

    बताया जाता है कि महेंद्र कर्मा के वाहन को सौ से ज्यादा माओवादियों ने घेरकर उस पर अंधाधुंध गोलियां चलाई। काफिले के साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों ने भी संभलते हुए जवाबी फायरिंग की लेकिन वे खास प्रतिरोध नहीं कर सके। पूर्व मुख्यमंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। शुक्ल को तीन गोलियां लगी हैं और उनकी स्थिति चिंताजनक है। अपहृतों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उनका पुत्र भी शामिल है। राष्ट्रीय राजमार्ग 202 के नजदीक के घने जंगली इस इलाके में कई घंटे तक सुरक्षा बल नहीं पहुंच सके।

    घटनास्थल के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को रवाना कर दिया गया है। अद्धसैनिक बलों की मदद से रात तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। घटना से चिंतित केंद्र सरकार ने हालात पर राज्यपाल शेखर दत्ता से रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल ने डीजीपी को राजभवन तलब किया है।

    हमले से सकते में गृह मंत्रालय

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। छत्ताीसगढ़ विधानसभा चुनाव के छह महीने पहले राज्य कांग्रेस के बड़े नेताओं पर नक्सली हमले से केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी सकते में हैं। 2003 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बाद राजनेताओं पर नक्सलियों के इस सबसे बडे़ हमले से छत्ताीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान को गहरा धक्का लग सकता है। वहीं, गृहमंत्री और गृहसचिव समेत मंत्रालय के तमाम अधिकारियों के विदेश में होने के कारण छोटे अधिकारी कोई भी निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। वैसे अपने गृह जनपद पहुंचे राज्यमंत्री आरपीएन सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को छत्ताीसगढ़ पहुंच सकते हैं।

    गृहमंत्रालय के नक्सल प्रबंधन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वह राज्य सरकार के साथ संपर्क में हैं। उनके अनुसार राज्य में पर्याप्त केंद्रीय सुरक्षा बल पहले से मौजूद हैं। जरूरत पड़ने पर और भी भेजे जा सकते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले तीन-चार साल में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों को मिली बढ़त को ताजा हमले से नुकसान पहुंच सकता है। उनके अनुसार अभी तकयह साफ नहीं हो पाया है कि नक्सलियों ने कितने लोगों का अपहरण किया है और कितने मारे गए हैं। उनकी मुख्य चिंता वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के अपहरण की खबरों को लेकर है। ऐसे में नक्सली सरकार को बड़ी डील के लिए मजबूर सकते हैं।

    वहीं, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और गृह सचिव आरके सिंह समेत मंत्रालय के 15 वरिष्ठ अधिकारियों के अमेरिकी यात्रा पर होने के कारण छोटे अधिकारी कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि रविवार को इनके अमेरिका से वापस लौटने की उम्मीद है। उसके बाद ही स्थिति से निपटने की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। शनिवार को देर शाम अपने क्षेत्र पडरौना पहुंचे गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह वहीं से स्थिति की जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रविवार को छत्ताीसगढ़ पहुंचकर स्थिति का जायजा लेंगे।

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