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    छावा के बाद चर्चा में मराठा साम्राज्‍य; छत्रपति या पेशवा किसके पास थी पावर; क्‍या था हिंदवी स्‍वराज?

    Updated: Fri, 28 Feb 2025 07:37 PM (IST)

    हाल ही में रिलीज हुई छावा मूवी के बाद मराठा साम्राज्‍य पर चर्चा हो रही है। लोग मराठा साम्राज्य के इतिहास मराठा योद्धाओं की वीरता युद्ध और रणनीति पर बात कर रहे हैं। छत्रपति या पेशवा कौन ज्यादा ताकतवर था यह जानना चाह रहे हैं। शिवाजी महाराज का हिंदवी स्‍वराज क्‍या था इसे भी सर्च कर रहे हैं ऐसे सभी सवालों के जवाब यहां पढ़ें-

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    Chhaava movie: मराठा साम्राज्य का इतिहास, शिवाजी महाराज और उस वक्‍त की पदवी।

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली।  हाल ही में फिल्म छावा रिलीज हुई है। इसमें अभिनेता विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज और अक्षय खन्‍ना ने औरंगजेब का किरदार निभाया है। फिल्‍म के बाद से मराठा साम्राज्य को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इतिहास में मराठा साम्राज्य के बारे में कम उल्लेख किए जाने को लेकर टीका-टिप्पणी हो रही है। औरंगजेब के शासन पर भी बहस हो रही है। महाराष्ट्र के दो जिले औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम पहले ही बदला जा चुका है। 

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    तानाजी, बाजीराव मस्तानी और पानीपत जैसी फिल्मों में भी मराठा साम्राज्य और युद्ध में उनकी वीरता के बारे में दिखाया गया।

    आपने फिल्‍म में गौर किया हो तो मराठा दरबार में छत्रपति, पेशवा, सरदार, प्रांत प्रमुख, सामंत और श्रीमंत जैसे पदवियों के नाम सुने होंगे, इन शब्‍दों का मतलब क्‍या था?  छत्रपति और पेशवा में क्या अंतर है? मराठा साम्राज्य का उदय कब हुआ और  मराठाओं का साम्राज्य कहां-कहां तक रहा, ऐसे ही कई सवालों के जवाब यहां पढ़िए...

    फिल्‍म छावा के एक दृश्‍य में अभिनेता विक्‍की कौशल।

    भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में मराठा साम्राज्य का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता है। मराठा योद्धाओं की वीरता की कहानियां खूब सुनी और सुनाई जाती हैं। मराठा साम्राज्य की स्थापना शिवाजी महाराज ने साल 1674 में रायगढ़ में राज्याभिषेक राज्याभिषेक के बाद खुद को 'छत्रपति' घोषित किया था।

    छत्रपति शिवाजी महाराज। फोटो - https://cbc.gov.in

    मराठा साम्राज्‍य पर बनी फिल्‍मों में सुने शब्दों को कितना जानते हैं?

    ये सभी शब्‍द मराठा शासनकाल के अलग-अलग पद और उपाधियां हैं-

    • छत्रपति : मराठा साम्राज्य का सर्वोच्च पद। छत्रपति यानी 'राजाओं का राजा'। शिवाजी महाराज ने यह पद धारण किया और फिर उनके वंशज इसे संभालते रहे।
    • पेशवा: मराठा  साम्राज्य का सबसे ताकतवर मंत्री, जिसकी नियुक्ति छत्रपति किया करते थे। शुरुआत में यह एक पद था, लेकिन बाद में पेशवा मराठा साम्राज्य के वास्तविक शासक बन गए।
    • प्रांत प्रमुख: मराठा साम्राज्य वाले राज्‍यों व प्रांतों के प्रशासक। प्रांत प्रमुख राज्‍यों में शासन की देखरेख और कर वसूली के लिए जिम्‍मेदार होते थे।
    • सामंत: मराठा साम्राज्य के अधीनस्‍थ राजा या जमींदार, जो स्थानीय शासक के तौर पर काम करते थे।  सेना और कर प्रणाली में योगदान देते थे।
    • सरदार: मराठी सेना के उच्‍च सैन्‍य अधिकारी, जिनके पास अपनी सेना होती थी और वे युद्ध के समय अहम भूमिका निभाते थे।
    • श्रीमंत: यह एक सम्मानजनक उपाधि, जो साम्राज्य के प्रभावशाली व्यक्तियों खासकर पेशवा व अन्‍य महत्‍वपूर्ण सरकारों को दी जाती थी।

    छत्रपति और पेशवा में क्या अंतर था?

    छत्रपति मराठा साम्राज्य का सर्वोच्च पद था, जोकि वंशानुगत था। यह पद शिवाजी महाराज के वंशज को ही मिलता था। वहीं, पेशवा मराठा साम्राज्य में एक मंत्री पद था, लेकिन 1713 के बाद सत्ता पेशवा के हाथ में आ गई। छत्रपति सिर्फ नाममात्र के शासक रह गए।

    यह भी पढ़ें- Chhaava Dialogues: 'फाड़ देंगे मुगल सल्तनत की...', 'छावा' के इन 10 धांसू डायलॉग्स से गूंजा थिएटर

    मराठा साम्राज्य का उदय कब हुआ?

    साल 1674 में शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना  की थी। शिवाजी के उत्तराधिकारियों, बाजीराव पेशवा और उनके उत्तराधिकारियों ने मराठा साम्राज्य को दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत के दिल्ली तक और पश्चिम में गुजरात से लेकर पूर्व में उड़ीसा (अब ओडिशा) तक फैलाया।

    शिवाजी महाराज के राज्‍यभिषेक की तस्‍वीर। फोटो- https://cbc.gov.in

    क्या था हिंदवी स्वराज्य?

    छावा मूवी में दिखाया गया है कि छत्रपति संभाजी महाराज अपनी आखिरी सांस तक स्‍वराज के लिए लड़ते रहे। अब सवाल ये है कि आखिर स्वराज क्‍या था? दरअसल, शिवाजी महाराज ने रायगढ़ में खुद का राज्याभिषेक किया। वह मुगल साम्राज्य से पूरी तरह अलग होना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने नई मुद्रा और राजचिह्न भी जारी किया।

    शिवाजी ने प्राचीन भारतीय प्रशासनिक प्रणाली और समकालीन व्यवस्थाओं को मिलाकर अपने समय व लोगों के अनुकूल एक नई शासन प्रणाली बनाई।

    मराठा  साम्राज्‍य के समय की मुद्रा और राजचिह्न। 

    इसके तहत धर्म और जाति से परे जाकर प्रतिभाशाली लोगों को अवसर दिए। प्रजा संरक्षण किया। किसानों के कल्याण पर विशेष ध्‍यान दिया। उद्योगों को बढ़ावा देकर आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की। राज्य की सुरक्षा के लिए शक्तिशाली सैन्य बल तैयार किया।

    छत्रपति शिवाजी का स्वराज्य यानी कि ऐसी शासन प्रणाली जिसके जरिये एक सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक क्रांति हुई थी। 

    मराठा साम्राज्य के छत्रपतियों में किसने लड़े सबसे अधिक युद्ध?

    छ‍त्रपति 

    शासनकाल युद्ध
    शिवाजी महाराज 1674 से 1680 11 युद्ध लड़े
    संभाजी महाराज  1680 से 1689 औरंगजेब से संघर्ष, कुल 120 युद्ध लड़े 
    राजाराम प्रथम 1689 से 1700 11 साल लगातार मुगलों से युद्ध करते रहे
    शिवाजी द्वितीय (महारानी ताराबाई) 1700 से 1707  महारानी संरक्षिका के तौर पर 7 साल तक युद्धरत रहीं।
    शाहू जी 1707 से 1749 0 युद्ध लड़े
    रामराजा छत्रपति 1749-1777  0 युद्ध लड़े

    छत्रपति संभाजी महाराज के बेटे शाहू जी जब छत्रपति बने, तब मराठाओं में फूट पड़ने लगी, जिससे निपटने में पेशवाओं ने अहम भूमिका अदा की। यही वो वक्‍त था, जब पेशवा ताकवर हो गए और छत्रपति सिर्फ राजगद्दी  संभालते रहे।

    फिल्‍म छावा  के एक दृश्‍य में औरंगजेब के किरदार में अभिनेता अक्षय खन्‍ना। 

    कौन-कौन बना मराठा साम्राज्‍य में पेशवा?

    पेशवा शासनकाल युद्ध
    बालाजी विश्वनाथ 1713-1720 कूटनीति से शाहूजी महाराज को मराठा सत्ता पर कायम किया, कोल्हापुर संघर्ष सुलझाया, दिल्ली में मुगलों के साथ ऐतिहासिक संधि कराई
    बाजीराव प्रथम 1720-1740 नर्मदा के पार मराठा विस्तार, मालवा और बुंदेलखंड विजय
    बालाजी बाजीराव (नाना साहेब) 1740-1761 कर्नाटक युद्ध, बंगाल-ओडिशा अभियान, दिल्ली विजय, पानीपत की तीसरी लड़ाई (पानीपत हारे)
    माधवराव प्रथम 1761-1772  पानीपत की तीसरे युद्ध के बाद मराठा साम्राज्य को फिर से खड़ा किया 
    नारायणराव 1772-1773  हत्या कर दी गई
    रघुनाथराव (राघोबा) 1773-1774  सत्ता बचाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा 
    माधवराव द्वितीय 1774-1796 ब्रिटिश हस्तक्षेप
    बाजीराव द्वितीय 1796-1802 अंग्रेजों से हार के साथ पेशवाई का दौर समाप्‍त हो गया 

    मराठों ने कितने युद्ध लड़े?

    मराठाओं ने कई अहम जंग लड़ीं, जिनमें से ये कुछ चर्चित हैं-

    • 1660: पुरंदर का युद्ध (शिवाजी बनाम मुगल)
    • 1665: मुगलों से पुरंदर संधि
    • 1670: सिंहगढ़ युद्ध (किला जीते, पर तानाजी मालुसरे की वीरगति हुई)
    • 1681-1707: औरंगजेब से निरंतर संघर्ष चलता रहा
    • 1728: पेशवा बाजीराव ने मालवा जीता
    • 1737: दिल्ली पर मराठों का आक्रमण- पेशवा बाजीराव की सबसे बड़ी जीत। 
    • 1761: पानीपत का तीसरा युद्ध (अहमद शाह अब्दाली से हार हुई)
    • 1775-1782: प्रथम एंग्लो-मराठा युद्ध
    • 1803-1805: द्वितीय एंग्लो-मराठा युद्ध
    • 1817-1818: तृतीय एंग्लो-मराठा युद्ध (हार के साथ मराठा साम्राज्य का अंत)

    बता दें कि 14 फरवरी को रिलीज हुई फिल्‍म छावा लेखक शिवाजी सावंत की किताब छावा पर आधारित है। फिल्म छावा का निर्देशन लक्ष्मण उतेकर ने किया है। इसे प्रोड्यूस मैडॉक फिल्म स्‍टूडियो और दिनेश विजन ने किया है।

    फिल्‍म में विक्की कौशल छत्रपति संभाजी महाराज, रश्मिका मंदाना उनकी पत्नी महारानी येसुबाई, अक्षय खन्‍ना औरंगजेब के किरदार में हैं। इनके अलावा, आशुतोष राणा, दिव्‍या दत्‍ता और डायना पेंटी फिल्म में अहम किरदार में नजर आ रही हैं।

    यह भी पढ़ें- 'घर जाकर नई चोटें दिखती थीं', विक्की कौशल के लिए आसान नहीं था 'छावा' बनना, 8 घंटों की मेहनत में बहाया पसीना

    Source:

    • भारत सरकार की वेबसाइट:
    • https://cbc.gov.in/cbcdev/shivaji/shivaji-story.html

    किताबें :

    • छावा - शिवाजी सावंत
    • शिवाजी एंड हिज टाइम्स - जे.एन. सरकार
    • मराठा एम्पायर - ग्रांट डफ
    • सेकलूडेड रुलर - गौतम कश्यप
    • भारतीय इतिहास के दस्तावेज - एनसीईआरटी, महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड
    • राष्ट्रीय अभिलेखागार, भारत सरकार