Chandrayaan-3 कब और कितने बजे चांद की सतह पर करेगा लैंड? इसरो ने दिया महत्वपूर्ण अपडेट
जिस घड़ी का इंतजार सभी भारतवासियों को थी आखिरकार वह घड़ी आ ही गई। इसरो ने चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर लैंड करने की तारीख की आधिकारिक घोषणा रविवार को कर दी। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 चांद की सतह पर 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर लैंड करेगा। इसे इसरो की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के अलावा डीडी नेशनल पर लाइव देखा जा सकेगा।

नई दिल्ली, एएनआइ। Chandrayaan-3 Landing Live Update: चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद की सतह पर 23 अगस्त को लगभग शाम छह बजकर चार मिनट पर लैंड करेगा। यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से अब केवल तीन दिन की दूरी पर है। इसरो (ISRO) ने रविवार को यह आधिकारिक घोषणा की।
इसरो चंद्रमा (Moon) पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए प्रयास कर रहा है, जिससे भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
कब चांद की सतह पर उतरेगा चंद्रयान-3?
इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “चंद्रयान-3 23 अगस्त, 2023 को शाम छह बजकर चार मिनट के लगभग चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। शुभकामनाओं और सकारात्मकता के लिए धन्यवाद! आइए एक साथ यात्रा का अनुभव जारी रखें।''
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 20, 2023
🇮🇳Chandrayaan-3 is set to land on the moon 🌖on August 23, 2023, around 18:04 Hrs. IST.
Thanks for the wishes and positivity!
Let’s continue experiencing the journey together
as the action unfolds LIVE at:
ISRO Website https://t.co/osrHMk7MZL
YouTube… pic.twitter.com/zyu1sdVpoE
चंद्रयान-3 की लाइव लैंडिंग कैसे देखें?
चंद्रयान-3 की लाइव गतिविधियां इसरो की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल, फेसबुक और सार्वजनिक प्रसारक डीडी नेशनल टीवी पर 23 अगस्त, 2023 को शाम पांच बजकर 27 मिनट से उपलब्ध होंगी।
चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर का नाम विक्रम साराभाई (1919-1971) के नाम पर रखा गया है, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है। अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए एक जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन का उपयोग किया गया था।
इसरो ने चंद्रयान-3 को कब लॉन्च किया?
इसरो ने14 जुलाई को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया। इस मिशन के लॉन्च हुए अबतक एक महीना और छह दिन हो गए हैं। यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।
चंद्रयान-3 घटकों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल उपप्रणालियाँ शामिल हैं जिनका उद्देश्य सुरक्षित और नरम लैंडिंग सुनिश्चित करना है जैसे कि नेविगेशन सेंसर, प्रणोदन प्रणाली, मार्गदर्शन और नियंत्रण, अन्य। भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के घोषित उद्देश्य सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग, चंद्रमा की सतह पर रोवर का घूमना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग हैं।
चंद्रयान-3 की लागत कितनी है?
चंद्रयान-3 की स्वीकृत लागत 250 करोड़ रुपये (प्रक्षेपण वाहन लागत को छोड़कर) है। चंद्रयान-3 का विकास चरण जनवरी 2020 में शुरू हुआ और लॉन्च की योजना 2021 में किसी समय बनाई गई थी। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण मिशन की प्रगति में अप्रत्याशित देरी हुई।
''सब कुछ ठीक चल रहा है''
इस बीच, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पिछले सप्ताह चंद्रयान 3 की प्रगति पर विश्वास व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि सभी प्रणालियां योजना के अनुसार काम कर रही हैं। उन्होंने कहा,
अब सब कुछ ठीक चल रहा है। 23 अगस्त को (चंद्रमा पर) उतरने तक कई तरह की गतिविधियां होंगी। उपग्रह स्वस्थ है।
चंद्रमा पृथ्वी के अतीत के भंडार के रूप में कार्य करता है। भारत का एक सफल मून मिशन पृथ्वी पर जीवन को बढ़ाने में मदद करेगा। इसके साथ ही इसे सौर मंडल के बाकी हिस्सों और उससे आगे का पता लगाने में भी सक्षम करेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। यह 23 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा।
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