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    EC नियुक्ति मामला: SC ने सरकार से पूछा- 'बिजली की स्पीड' जैसी क्यों चली अरुण गोयल की नियुक्ति की फाइल?

    केंद्र ने गुरुवार को चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) अरुण गोयल (Arun Goel) की नियुक्ति की मूल फाइल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी। बता दें कि तीन दिन पहले ही भारत के नए चुनाव आयुक्त (Election Commissioner of India) के तौर पर अरुण गोयल को नियुक्त किया गया है।

    By AgencyEdited By: Monika MinalUpdated: Thu, 24 Nov 2022 03:55 PM (IST)
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    सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंची EC अरुण गोयल की फाइल

     नई दिल्ली, पीटीआई । केंद्र ने गुरुवार को चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) अरुण गोयल (Arun Goel) की नियुक्ति की मूल फाइल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी। इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति से जुड़ी फाइल को पेश करने का आदेश दिया था । मामले की सुनवाई जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच कर रही है। इसमें जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार शामिल हैं।

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    सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित  

    मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में पारदर्शिता लाने की मांग पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयुक्त का चयन CJI, पीएम और नेता विपक्ष की कमिटी को करना चाहिए।

    15 मई से खाली था पद- SC

    चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में पारदर्शिता लाने पर SC में आज सुनवाई की गई । कोर्ट ने गोयल की नियुक्‍त‍ि वाली फाइल पर तेजी से हुए काम को लेकर सवाल किया- 'बिजली की सी स्‍पीड'में इसपर काम हुआ है क्‍यों। EC अरुण गोयल की नियुक्ति की फाइल देख कोर्ट ने सवाल किया, ' 15 मई से पद खाली था। इसके बाद अचानक 24 घंटे से भी कम समय में नाम भेजने से लेकर मंजूरी देने की प्रक्रिया पूरी कर दी गई। 15 मई से 18 नवंबर के बीच क्या हुआ?' 

    चार नामों पर कोर्ट ने किया सवाल

    मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने सवाल किया, 'कानून मंत्री ने जो 4 नाम भेजे, उन नामों में क्या विशेष बात है। उसमें से सबसे जूनियर अधिकारी को ही क्यों और कैसे चुना गया। रिटायर होने जा रहे अधिकारी ने इस पद पर आने से पहले VRS भी लिया। इस पर केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल ने जवाब दिया।

    अटॉर्नी जनरल ने दिए जवाब

    अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'प्रक्रिया में कुछ गलत नहीं हुआ। पहले भी 12 से 24 घंटे में नियुक्ति हुई है। ये 4 नाम DoPT के डेटाबेस से लिए गए। वह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।' उन्होंने आगे बताया, 'नाम लिए जाते समय वरिष्ठता, रिटायरमेंट, उम्र आदि को देखा जाता है। इसकी पूरी व्यवस्था है। आयु की जगह बैच के आधार पर वरिष्ठता मानते हैं।'

    मामले की सुनवाई करने वाली जजों की बेंच का कहना था कि हाल में हुई नियुक्ति से अभी जारी चयन प्रक्रिया को बेहतर समझा जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयुक्त चुनने के लिए CJI, PM और नेता विपक्ष की कमेटी बनाने की मांग वाले मामले की सुनवाई की जा रही है ।

    बता दें कि तीन दिन पहले ही भारत के नए चुनाव आयुक्त (Election Commissioner of India) के तौर पर अरुण गोयल को नियुक्त किया गया है। पंजाब कैडर के पूर्व आइएएस अधिकारी गोयल ने शुक्रवार को उद्योग सचिव के पद से स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले ली थी।

    डिस्क्लेमर: इस समाचार के शीर्षक एवं खबर को लगातार अपडेट किया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा जारी खबर में कुछ ऐसे शब्द एवं जानकारियां थीं, जिन्हें हमने हटाया है। बाद में एजेंसी द्वारा भी भूल सुधार का संदेश जारी किया गया था। पाठकों को सही सूचना देने की प्रतिबद्धता के तहत हमने यह सुधार किया था।

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