केंद्र ने उत्तर प्रदेश में बिजली परियोजना की मंजूरी टाली, सामने आई हैरान करने वाली वजह
केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 17 हजार करोड़ रुपये की पंप स्टोरेज परियोजना की मंजूरी रोक दी है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे वन पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो जाएगा, दो लाख से अधिक पेड़ कटेंगे और वन्यजीवों के आवास खतरे में पड़ जाएंगे। समिति ने संभावित प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए स्थल का दौरा करने का निर्णय लिया है।

केंद्र ने क्यों रोका यूपी का पावर प्रोजेक्ट?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 17 हजार करोड़ रुपये की पंप स्टोरेज परियोजना के लिए 616 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले घने जंगल को काटने के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी टाल दी है। विशेषज्ञों ने चेताया है कि इससे समृद्ध वन पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो जाएगा, दो लाख से अधिक पेड़ काटने पड़ेंगे और वन्यजीवों के आवासों को खतरा होगा।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति ने कहा कि किसी भी मंजूरी पर विचार करने से पहले एक उप-समिति परियोजना के संभावित प्रभाव का समग्र मूल्यांकन करने के लिए स्थल का दौरा करेगी। इस समिति की बैठक 26 सितंबर को हुई थी। समिति ने राज्य सरकार से विस्तृत संभागवार भूमि आंकड़े, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और केंद्रीय जल आयोग से अनुमोदन की स्थिति और स्वीकृत जलग्रहण क्षेत्र एवं वन्यजीव प्रबंधन योजनायें प्रस्तुत करने को कहा है।
परियोजना में दो लाख से ज्यादा पेड़ काटने का प्रस्ताव
ग्रीनको एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड की परियोजना में सोनभद्र वन प्रभाग के पटना रेंज और ओबरा वन प्रभाग के तरिया रेंज में 616 हेक्टेयर वन भूमि पर दो जलाशय बनाने के लिए 2.08 लाख से अधिक पेड़ों की कटाई का प्रस्ताव है। यह स्थल कैमूर वन्यजीव अभयारण्य के निकट है, जो उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है।
दी गई ये चेतावनी
लखनऊ स्थित पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय की एक क्षेत्रीय रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि लगभग 400 हेक्टेयर और 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले दो बड़े जलाशयों के निर्माण से मौजूदा वन पारिस्थितिकी तंत्र जलमग्न हो जाएगा और वनस्पतियों, जीवों एवं पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को भारी नुकसान होगा।
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