Delhi Air Pollution: 'देश में पराली जलने के 93 फीसदी मामले सिर्फ पंजाब के' केंद्र ने कहा- वायु प्रदूषण के लिए भगवंत सरकार ज्यादा जिम्मेदार
दिल्ली-एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार ने मुख्यत पंजाब को जिम्मेदार ठहराया है।पराली जलने की देश भर में सात नवंबर तक रिपोर्ट की गई कुल 22695 घटनाओं में करीब 93 फीसद मामले अकेले पंजाब के है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री यादव ने इसके साथ ही पंजाब को पराली को जलने से रोकने के लिए पिछले सालों में मौजूदा कराई मदद की पूरा ब्यौरा भी जारी किया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार ने मुख्यत: पंजाब को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही इसे लेकर एक रिपोर्ट भी जारी की है। जिसमें बताया गया है कि दिल्ली-एनसीआर की हवाओं में पराली जलने की हिस्सेदारी मौजूदा समय में 38 फीसद से अधिक है।
पराली जलाने की घटना सबसे अधिक पंजाब में दर्ज
वहीं, पराली जलने की देश भर में सात नवंबर तक रिपोर्ट की गई कुल 22,695 घटनाओं में करीब 93 फीसद मामले अकेले पंजाब के है, जबकि हरियाणा की इनमें हिस्सेदारी सात फीसद है। इसके बाद भी पंजाब का बचाव करने पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है और उनको देश का सबसे बड़ा झूठा करार दिया है।
साथ ही कहा है कि दिल्ली-एनसीआर को गैस चैंबर में तब्दील करने के लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदार है। आप के शासन की यह आपराधिक विफलता है।
केंद्रीय मंत्री ने पिछले साल का ब्योरा किया पेश
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री यादव ने इसके साथ ही पंजाब को पराली को जलने से रोकने के लिए पिछले सालों में मौजूदा कराई मदद की पूरा ब्यौरा भी जारी किया। जिसमें कहा है कि पंजाब को 2018-19 में पराली जलने की घटनाओं में कमी लाने के लिए पहली बार करीब 270 करोड़ की मदद दी गई थी।
इसके बाद अब हर साल उन्हें जरूरी वित्तीय मदद मुहैया कराई गई है। अबतक पराली जलने की घटनाओं में रोकथाम के लिए पंजाब को 1426 करोड़ रुपए की मदद मुहैया कराई जा चुकी है, बावजूद इसके स्थिति जब की तस है। इस राशि से पंजाब में बड़े पैमाने पर हैप्पी सीडर मशीनों की खरीदी गई गई, लेकिन इन मशीनों का अब इस्तेमाल ही नहीं हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हुई चर्चा
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बुधवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अगुवाई में वायु प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली, पंजाब सहित सभी पड़ोसी राज्यों के साथ हुई बैठक में भी पराली जलने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। जिसमें पंजाब की स्थिति को लेकर कैबिनेट सचिव ने नाखुशी जताई गई।
साथ ही पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को इसके निर्देश दिए कि वह पराली जलने की घटनाओं पर रोकथाम के लिए डीएम व एसपी के साथ थानेदारों (एसएचओ) को भी मैदान में उतारे। साथ ही कहा है कि वह जिले में क्या काम कर रहे है, इस पर नजर रखी जाएगी। वायु गुणवत्ता आयोग का विशेष दस्ता दोनों राज्यों का दौरा करेगा और इसकी रिपोर्ट केंद्र को देगा। जिसके आधार पर इसके अमल को परखा जाएगा।
पराली जलने की घटनाओं पर एक नजर
- पराली जलने की कुल घटनाएं- 24,695
- पंजाब में कुल घटनाएं- 22981
- हरियाणा में कुल घटनाएं- 1605
- यूपी में कुल घटनाएं- करीब सौ
पराली प्रबंधन में पंजाब ने पैसे की कमी का दिया हवाला
पराली प्रबंधन के लिए बड़े पैमाने पर मशीनें मुहैया कराए जाने के बाद भी पराली जलने की घटनाओं में पूरी तरह से अंकुश न लगने को लेकर कैबिनेट सचिव की बैठक में बुधवार को पूछे गए सवाल पर पंजाब ने पैसों की कमी का हवाला दिया और कहा कि इसके चलते वह इन मशीनों को इस्तेमाल ठीक तरीके से नहीं कर पाए।
पंजाब ने यह तर्क तब दिया जब मशीनों का ठीक तरीके इस्तेमाल करने को लेकर हरियाणा की पीठ थपथपाई गई। बैठक में हरियाणा में इसके पूरी प्लान भी पेश किया। जिसमें बताया कि उन्होंने इसके लिए किसानों को मदद दी। इस पर पंजाब ने कहा कि उनके पास पैसा नहीं है। पंजाब को अब पराली प्रबंधन के लिए 1.20 लाख मशीनें दी गई है।
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