नीट परीक्षा से जुड़े आंदोलन में कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच में जुटी केंद्र सरकार, एजेंसियों को है शक
मेडिकल में दाखिले से जुडी परीक्षा नीट-यूजी में गड़बड़ी के आरोपों को मुस्तैदी से जांचने के साथ ही केंद्र सरकार इसे लेकर देश भर में चल रहे आंदोलनों के पीछे शामिल लोगों की भूमिका को जांचने में जुटा है। केंद्र सरकार के स्तर पर फिलहाल अब तक जो अहम इनपुट मिला है उसमें इसके पीछे कोचिंग संस्थानों की कथित भूमिका सामने आने के दावे किए जा रहे हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मेडिकल में दाखिले से जुडी परीक्षा नीट-यूजी में गड़बड़ी के आरोपों को मुस्तैदी से जांचने के साथ ही केंद्र सरकार इसे लेकर देश भर में चल रहे आंदोलनों के पीछे शामिल लोगों की भूमिका को जांचने में जुटा है। केंद्र सरकार के स्तर पर फिलहाल अब तक जो अहम इनपुट मिला है, उसमें इसके पीछे कोचिंग संस्थानों की कथित भूमिका सामने आने के दावे किए जा रहे हैं।
इन संस्थानों पर छात्रों को भड़काने और भ्रामक जानकारी भी देने के आरोप लग रहे हैं। कोचिंग संस्थानों की इस कथित भूमिका के पीछे इसी साल जनवरी महीने में जारी की गई उस एडवाइजरी को अहम माना जा रहा है, जिसमें देश भर के कोचिंग संस्थानों को 16 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश देने से मना किया गया था।
आंदोलन के पीछे कोचिंग संस्थानों की भूमिका
सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर देश भर में चल रहे आंदोलन के पीछे जांच एजेंसियों को कोचिंग संस्थानों की भूमिका इसलिए भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है, क्योंकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने अब तक जो 41 याचिकाएं पहुंची हैं, उनमें ज्यादातर याचिकाएं कोचिंग संस्थानों की ओर से दायर की गई हैं।
इसलिए कोचिंग संस्थानों की भूमिका पर संदेह
कोचिंग संस्थानों के भूमिका पर संदेह इसलिए किया जा रहा है कि छात्रों को आकर्षिक करने के लिए दिए जाने वाले भ्रामक विज्ञापन से लेकर किसी विषय के नामी शिक्षकों की आड़ में दाखिला लेकर कम योग्य शिक्षकों से उन्हें पढ़ाने के मामलों में कई कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है।
शिक्षा मंत्रालय की जनवरी में एडवाइजरी जारी की थी
शिक्षा मंत्रालय की जनवरी में जारी एडवाइजरी में छात्रों को अच्छी रैंक दिलाने सहित 16 साल से कम के उम्र के छात्रों को दाखिला नहीं लेने की चेतावनी देते हुए ऐसी सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोकने के कहा गया था। साथ ही संस्थानों से छात्रों की सुविधा व सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं को बेहतर रखने, अपनी वेबसाइट पर प्रत्येक कक्षा में छात्रों और शिक्षकों की संख्या की जानकारी देने, कोर्स की फीस आदि का ब्यौरा भी प्रदर्शित करने को कहा था।
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