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    बंगाल सरकार की रिपोर्ट से केंद्र संतुष्ट नहीं, धनराशि की नहीं मिली स्वीकृति; प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ा है मुद्दा

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 11:02 PM (IST)

    बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में अनियमितताओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर केंद्र सरकार को संतोषजनक रिपोर्ट नहीं मिली है। 100 दिन रोजगार योजना में अनियमितताओं को रोकने में कोई स्पष्ट सुधार नहीं हुआ है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार 100 दिन रोजगार और ग्रामीण आवास योजना के तहतम बंगाल के लिए धनराशि स्वीकृत नहीं कर रही है।

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    बंगाल सरकार की रिपोर्ट से केंद्र संतुष्ट नहीं (फाइल फोटो)

     राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में अनियमितताओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर केंद्र सरकार को 'संतोषजनक' रिपोर्ट नहीं मिली है।

    बंगाल के लिए धनराशि स्वीकृत नहीं कर रही है केंद्र सरकार

    100 दिन रोजगार योजना में अनियमितताओं को रोकने में कोई 'स्पष्ट सुधार' नहीं हुआ है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यही कारण है कि केंद्र सरकार 100 दिन रोजगार और ग्रामीण आवास योजना के तहत बंगाल के लिए धनराशि स्वीकृत नहीं कर रही है।

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    केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 2022-23 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत बंगाल के लिए धनराशि स्वीकृत करना बंद कर दिया है। चालू वर्ष, 2025-26 में अब तक कोई धनराशि स्वीकृत नहीं की गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस योजना में राज्य में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

    आरोपों की जांच के लिए एक केंद्रीय स्तर की निगरानी टीम और वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजी गई थी। केंद्रीय दल की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में संसद को सूचित किया था कि बंगाल में 100 दिन रोजगार योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार 'सिद्ध' हो गया है।

    ग्रामीण विकास मंत्रालय इसकी जांच कर रहा है

    उस समय वित्त मंत्री ने बताया था कि राज्य सरकार ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को एक 'कार्रवाई रिपोर्ट' भेजी है, जिसमें बताया गया है कि उसने इस संबंध में क्या कदम उठाए हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय इसकी जांच कर रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि पैसा दोबारा दिया जाएगा या नहीं।

    राज्य ने 391 को छोड़कर शेष सभी घरों के निर्माण को मंजूरी दी

    इस बार संसद में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने लिखित में कहा कि राज्य से 'संतोषजनक कार्रवाई रिपोर्ट' नहीं मिली है। 2016-17 से 2020-21 तक बंगाल को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 25,798 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। कुल 45 लाख 69 हजार 423 घरों का लक्ष्य रखा गया था। राज्य ने 391 को छोड़कर शेष सभी घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

    34 हजार से अधिक घरों का निर्माण किया जा चुका है

    34 हजार से अधिक घरों का निर्माण किया जा चुका है। लेकिन 2018 के आवास-प्लस सर्वेक्षण से पश्चिम बंगाल के लिए 2022 का लक्ष्य निर्धारित करने के बाद अनियमितताओं के आरोप लगे। केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर राज्य से एक रिपोर्ट मांगी गई थी। इसमें 'संतोषजनक कार्रवाई रिपोर्ट' प्रस्तुत नहीं की गई थी। इसलिए, अभी तक धनराशि स्वीकृत नहीं की गई है।

    हाई कोर्ट ने एक अगस्त से कार्य शुरू करने का दिया था आदेश 

    100 दिन रोजगार योजना के मामले में, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन में अनियमितताओं की शिकायतें मिलने के बाद केंद्रीय टीम भेजी गई थी। रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताएं, अवैध कार्य परमिट, पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी जैसी समस्याएं पाई गईं।

    ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इन्हें सुधारने के लिए राज्य सरकार को कई बार संदेश भेजे हैं। लेकिन 'कोई उल्लेखनीय सुधार' नहीं देखा गया है। इसलिए, 100 दिन रोजगार योजना के लिए धन का आवंटन 9 मार्च, 2022 से रोक दिया गया है।

    राज्य में 100 दिन रोजगार योजना शुरू करने का आदेश

    कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य में 100 दिन रोजगार योजना को एक अगस्त से फिर से शुरू करने का आदेश दिया था। उसके बाद भी, केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस मामले में केंद्र सरकार की स्थिति से अदालत को अवगत कराया जाएगा।