किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, गन्ना खरीद की कीमत में 8 फीसदी की बढ़ोतरी
कैबिनेट की मीटिंग के बाद बुधवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने बीते 10 सालों से किसान कल्याण के लिए काम किया है। 2014 से पहले ...और पढ़ें

एएनआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का उचित व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी। गन्ने का नया सत्र अक्टूबर से शुरू होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी एफआरपी है। मात्रा के संदर्भ में, यह दूसरी बार है जब मोदी सरकार ने एफआरपी में एक बार में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।
गन्ने का एफआरपी 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी
गन्ने की एफआरपी बढ़ाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया। यह कदम आम चुनाव से पहले उठाया गया है। गन्ना मुख्य रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में उगाया जाता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सीसीईए ने 2024-25 के लिए 10.25 प्रतिशत की चीनी रिकवरी दर पर गन्ने की एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल को मंजूरी प्रदान कर दी है।
#WATCH | Union Minister Anurag Thakur says "...It has been decided to fix the price for the upcoming sugarcane season, in the period from October 1, 2024, to September 30, 2025, to ensure the fair and reasonable price of sugarcane to the farmers by the sugar mills...It has been… pic.twitter.com/3QRlh4e2gd
— ANI (@ANI) February 21, 2024
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उन्होंने कहा, "यह गन्ने की अब तक की सबसे अधिक कीमत है, जो मौजूदा सत्र 2023-24 के लिए गन्ने की एफआरपी से लगभग आठ प्रतिशत अधिक है।" ठाकुर ने कहा कि नयी एफआरपी गन्ने के तय फार्मूले से 107 प्रतिशत अधिक है और इससे गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित होगी। मंत्री ने कहा, "भारत, दुनियाभर में गन्ने की सबसे ज्यादा कीमत चुका रहा है।" संशोधित एफआरपी एक अक्टूबर 2024 से लागू होगी।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, "केंद्र सरकार के इस फैसले से पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों (परिवार के सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा होगा।" बयान में कहा गया, "यह किसानों की आय दोगुनी करने की मोदी की गारंटी को पूरा करने की प्रतिबद्धता को दोहराता है।"
'किसान हमारे 'भाई' व 'अन्नदाता' हैं'
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान हमारे 'भाई' व 'अन्नदाता' हैं और केंद्र सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है। ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की अधिक आय सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। ठाकुर ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं।
#WATCH | On farmers' demands, Union Minister Anurag Thakur says, " Earlier also we were ready for discussions, still we are ready and in the future also we will be ready. we don't have any problem, they are our 'Annadatas'..." pic.twitter.com/tzmd2jdMUV
— ANI (@ANI) February 21, 2024
यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुद्दे पर चर्चा हुई, मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "हम पहले भी बातचीत के लिए तैयार थे और आज भी तैयार हैं और भविष्य में भी उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रहेंगे।"
ठाकुर ने कहा, "हमें कोई समस्या नहीं है क्योंकि वे हमारे भाई और अन्नदाता हैं।" केंद्रीय मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में उच्च वृद्धि प्राप्त करने के लिए मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दोगुना कर दिया है और खरीद भी दोगुना से अधिक बढ़ा दी गई है।
ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में गेहूं, धान, तिलहन और दालों की खरीद पर 18.39 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 5.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे।
मंत्री ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के 10 वर्षों के दौरान किसानों को दिए गए उच्च एमएसपी और संप्रग सरकार के पिछले 10 वर्षों की तुलना में अधिक खरीद की भी तुलना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने उचित दरों पर उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित की है।
पीएम-किसान योजना के तहत 2.81 लाख करोड़ रुपये का भुगतान
ठाकुर ने कहा कि पीएम-किसान योजना के तहत सरकार ने लगभग 12 करोड़ किसानों को 2.81 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है। ठाकुर ने कांग्रेस पर किसानों के लिए पर्याप्त काम नहीं करने के लिए निशाना साधते हुए कहा, "कांग्रेस के समय न सम्मान था, न निधि थी।" पीएम-किसान योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र किसानों को तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का भुगतान करती है। उन्होंने कहा, "यह किसानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और कर्तव्य है।"

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