'टॉयलेट में फ्लश कर दो ये दवाईयां', CDSCO ने बनाई 17 खतरनाक दवाओं की लिस्ट; कहीं आप भी तो नहीं ले रहे ये दवाई?
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने 17 दवाओं की सूची जारी की है जिन्हें एक्सपायर होने पर शौचालय में फ्लश करने की सलाह दी है ताकि घर के लोगों और पालतू जानवरों को नुकसान से बचाया जा सके। इन दवाओं में ट्रामाडोल और डायजेपाम जैसी दवाएं शामिल हैं जिनकी एक खुराक भी घातक हो सकती है।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने 17 दवाओं की एक सूची बनाई है, जिनके बारे में इसने कहा है कि अगर उनकी एक्सपायरी डेट समाप्त हो गई है या उनका उपयोग नहीं किया गया है तो उन्हें कूड़ेदान में फेंकने के बजाय शौचालय में फ्लश कर देना चाहिए ताकि घर के लोगों और पालतू जानवरों को इससे होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
शीर्ष दवा नियामक संस्था ने कहा कि सूची में ट्रामाडोल, टेपेंटाडोल, डायजेपाम, आक्सीकोडोन और फेंटेनाइल जैसी दवाएं शामिल हैं जो विशेष रूप से हानिकारक हो सकती हैं। कुछ मामलों में तो उनकी सिर्फ एक खुराक भी बहुत घातक हो सकती है। जिस व्यक्ति के लिए दवा निर्धारित की गई थी, अगर उसके अलावा इन दवाओं का उपयोग किसी अन्य व्यक्ति की ओर से किया जाता है तो यह बेदह घातक हो सकता है।
इन बीमारियों के लिए इस्तेमाल होता है दवाइयों का इस्तेमाल
बहरहाल, इनमें से अधिकांश दवाओं का उपयोग दर्द, बेचैनी और अन्य स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। सीडीएससीओ ने एक्सपायर्ड/अप्रयुक्त दवाओं को लेकर अपने 'मार्गदर्शन दस्तावेज' में कहा है कि पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक्सपायर्ड या अप्रयुक्त दवाओं का सुरक्षित और उचित निपटान महत्वपूर्ण है। इन दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह हेल्थकेयर से जुड़े पेशेवर और अन्य हितधारकों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में भरोसे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
दस्तावेज में कहा गया है कि एक्सपायर हो चुकीं/अप्रयुक्त दवाओं का अनुचित तरीके से निपटान सार्वजनिक स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक हो सकता है। एक्सपायर हो चुकी दवाओं से तात्पर्य उन दवाओं से है जिनकी लेबल पर लिखी समाप्ति तिथि बीत चुकी है। दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि इसके अलावा अप्रयुक्त दवाओं से तात्पर्य उन दवाओं से है जिनका उपयोग उस व्यक्ति की ओर से नहीं किया गया है जिसके लिए उन्हें निर्धारित किया गया था या खरीदा गया था।
बहरहाल, दस्तावेज में कहा गया है, ''एक्सपायर्ड/अप्रयुक्त दवाओं का अनुचित निपटान मानव, पशु और पर्यावरण के लिए हानिकारक है। वन्यजीवों अथवा लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले जल की आपूर्ति के स्त्रोतों में अगर ऐसी दवाएं मिल जाती हैं तो यह उनके लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।''
दस्तावेज में दी गई ये सलाह
इसमें यह भी कहा गया है कि अपशिष्ट दवाओं के भंडारण से चोरी के परिणामस्वरूप एक्सपायर्ड दवाओं को पुन: बिक्री और दुरुपयोग के लिए बाजार में भेजा जा सकता है। इस दस्तावेज में राज्य औषधि नियंत्रण विभागों और संबंधित केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन को संयुक्त रूप से चुनिंदा स्थानों पर 'ड्रग टेक बैक' कार्यक्रम शुरू करने की सलाह दी गई है, जहां लोग अपने-अपने घरों से एक्सपायर्ड या अप्रयुक्त दवाओं को लाकर वहां दे सकते हैं।
इस दस्तावेज का उद्देश्य ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट और रूल्स और अन्य कानूनों के अनुसार स्पष्ट और व्यापक निर्देश प्रदान करना है, जो एक्सपायर्ड और अप्रयुक्त दवाओं के सुरक्षित निपटान के लिए लागू हैं। यह दस्तावेज ऐसी दवाओं के निपटान के लिए कानूनी आवश्यकताओं के अनुपालन और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को कम करने में भी मदद करेगा।
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