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    हर्ष मंदर के घर और दफ्तर पर CBI की छापेमारी, एजेंसी ने विदेशी फंडिंग मामले में दर्ज किया केस

    By Agency Edited By: Sonu Gupta
    Updated: Fri, 02 Feb 2024 11:34 PM (IST)

    सीबीआइ ने पूर्व आइएएस अधिकारी हर्ष मंदर और उनके एनजीओ के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन का मामला दर्ज करते हुए शुक्रवार को उनके परिसरों की तलाशी ली।मंदर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य थे।सीबीआइ ने एक बयान जारी कर कहा कि मंदर के दफ्तर और आवासीय परिसर सहित दिल्ली में दो स्थानों पर तलाशी ली गई।

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    हर्ष मंदर के घर और दफ्तर पर CBI की छापेमारी।

    पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआइ ने पूर्व आइएएस अधिकारी हर्ष मंदर और उनके एनजीओ के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन का मामला दर्ज करते हुए शुक्रवार को उनके परिसरों की तलाशी ली। मंदर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य थे।

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    दो जगहों पर ली गई तलाशी

    सीबीआइ ने एक बयान जारी कर कहा कि मंदर के दफ्तर और आवासीय परिसर सहित दिल्ली में दो स्थानों पर तलाशी ली गई। एजेंसी ने एफसीआरए के विभिन्न प्रविधानों का कथित उल्लंघन करने के लिए गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर प्रारंभिक जांच दर्ज करने के बाद मंदर और दिल्ली स्थित उनकी संस्था सेंटर फार इक्विटी स्टडीज (सीईएस) के खिलाफ एफआइआर दर्ज की।

    एफआईआर में क्या कहा गया था?

    एजेंसी ने पिछले साल 13 अप्रैल को एफसीआरए उल्लंघन को लेकर सेंटर फार इक्विटी स्टडीज, अमन बिरादरी ट्रस्ट, आक्सफैम इंडिया और एक्शन एड एसोसिएशन के खिलाफ गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। एफआइआर में कहा गया है कि जांच से पता चला कि सेंटर फार इक्विटी स्टडीज की स्थापना और रजिस्ट्रेशन एक ट्रस्ट के रूप में किया गया था, जिसके अध्यक्ष हर्ष मंदर थे।

    सीबीआई ने क्या कहा?

    सीबीआइ प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि आरोप है कि एनजीओ ने एफसीआरए के प्रविधानों का उल्लंघन करते हुए 2020-21 के दौरान अपने खाते से वेतन/मजदूरी/पारिश्रमिक के अलावा 32.71 लाख रुपये निजी व्यक्तियों के खाते में स्थानांतरित कर दिए थे। यह भी आरोप लगाया गया है कि एनजीओ ने एफसीआरए के प्रविधानों का उल्लंघन करते हुए फर्मों के माध्यम से अपने एफसीआरए खाते से 10 लाख रुपये की धनराशि भी निकाली थी।

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    प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि जांच से पता चला है कि सीईएस ने अपने अध्यक्ष हर्ष मंदर के माध्यम से एफसीआरए खातों से धन को डायवर्ट किया। गृह मंत्रालय ने पिछले साल 14 जून को सीईएस के एफसीआरए प्रमाणन को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था।

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