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    प्रवीण सूद बने रहेंगे CBI के डायरेक्टर, सरकार ने एक साल का दिया सेवा विस्तार

    भारत सरकार ने प्रवीण सूद को एक साल का सेवा विस्तार दिया है। प्रवीण सूद अब सीबीआई के डायरेक्टर बने रहेंगे। नये सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए कमेटी की बीच सहमति नहीं बन पा रही थी। इस कारण माना जा रहा था कि प्रवीण सूद को सेवा में विस्तार दिया जा सकता है।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Wed, 07 May 2025 04:18 PM (IST)
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    प्रवीण सूद को सेवा में विस्तार दिए जाने की चर्चा पहले से थी (फोटो: पीटीआई)

    पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया। सूद ने 25 मई 2023 को दो साल के कार्यकाल के लिए सीबीआई निदेशक का पदभार संभाला था।

    अधिकारियों ने बताया कि उनका कार्यकाल बढ़ाने का फैसला सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में लिया गया, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल थे।

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    1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं सूद

    चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने 24 मई से आगे एक साल की अवधि के लिए सूद के कार्यकाल विस्तार को मंजूरी दी। सूद कर्नाटक कैडर के 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं।

    जब उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया, तब वे कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में कार्यरत थे। 1964 में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में जन्मे सूद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद 22 साल की उम्र में आईपीएस में शामिल हुए।

    न्यूयॉर्क से भी हासिल की डिग्री

    • उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु और न्यूयॉर्क में सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय के मैक्सवेल स्कूल ऑफ़ गवर्नेंस से स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की है। अपने व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाने वाले सूद ने उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्तियों से जुड़े हाई प्रोफाइल मामलों और अंतर-राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों की जांच की निगरानी की थी।
    • तकनीक के जानकार अधिकारी ने न्यायपालिका के साथ कर्नाटक में सीसीटीएनएस (अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम) और आईसीजेएस (इंटरऑपरेबल आपराधिक न्याय प्रणाली) को मजबूत करने के लिए काम किया था।

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