सरकारी विभागों के भ्रष्टाचार को पकड़ने के लिए CBI ने खंगाले 25 जिलों के 150 ठिकाने
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक विशेष अभियान चलाया जिसके तहत देशभर में एक साथ 150 स्थानों पर संयुक्त औचक जांच पड़ताल शुरू की गई।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सीबीआइ ने सतर्कता विभाग के साथ मिलकर देश भर में विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ते हुए 150 स्थानों पर संयुक्त रूप से 'औचक निरीक्षण' किया है। इस छानबीन का मकसद सरकारी महकमों में शक के आधार पर धांधली को पकड़ना है।
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दिनभर चलती रही छापेमारी
प्रधानमंत्री मोदी के 'न खाऊंगा और ना खाने दूंगा' का संदेश सरकारी महकमों में हर स्तर पर कितना प्रभावी हुआ है, इसका अंदाजा सरकारी विभागों में शुक्रवार की सुबह से दिन भर हुई छापेमारी के बाद ही लगेगा। भ्रष्टाचार विरोधी यह मुहिम इस लिहाज से भी खास है कि अपराध होने पर शिकायत दर्ज करने के बाद जांच करने के बजाय संभावित क्षेत्रों में अचानक दबिश दी गई ताकि भ्रष्टाचार की बीमारी का पूरा इलाज हो सके।
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इन विभागों में छेड़ी मुहिम
भ्रष्टाचार के खिलाफ शक के आधार पर छेड़ी गई इस नई मुहिम के तहत रेलवे, बीएसएनएल, जहाजरानी, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, कोयला खदानें, भारतीय खाद्य निगम, सीमा-शुल्क (कस्टम), बिजली विभाग, नगर निगम, कंटोनमेंट बोर्ड, परिवहन विभाग, सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (सीपीडब्लूडी), राज्यों के निदेशालय, अग्निशमन विभाग, उद्योगों, जीएसटी, पोर्ट ट्रस्ट, आडियो-विजुअल पब्लिसिटी डायरेक्टरेट, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फारेन ट्रेड, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ), सरकारी बैंकों और अन्य विभागों में छानबीन हुई है।
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दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, पटना समेत कई शहरों में दबिशें
एएनआइ के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, जयपुर, जोधपुर, पटना, रांची, गुवाहाटी, श्रीनगर, शिलांग, चंडीगढ़, शिमला, चेन्नई, मदुरई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, गांधीनगर, वडोदरा, अहमदाबाद, गोवा, भोपाल, जबलपुर, नागपुर और देहरादून समेत कई शहरों में सीबीआइ ने विभिन्न सरकारी विभागों में छापेमारी की है।
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जनता को सबसे ज्यादा परेशानी देने वाले दफ्तर बने निशाना
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह विशेष अभियान मुख्यत: उन स्थानों पर चलाया जहां आम जनता या छोटे कारोबारियों को सरकारी मशीनरी का भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा कचोटता है। इस मुहिम से भ्रष्टाचार की संभावित जगहों पर सभी पक्षों को इस अपराध के प्रति संवेदनशील बनाया जा सकेगा। यह वह सरकारी विभाग हैं जहां आम नागरिकों को सरकारी सेवाएं लेने के दौरान भ्रष्टाचार का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है।