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Chidambaram Arrested: काफी दूर तक जा सकती है चिदंबरम के खिलाफ जांच की आंच

देश-विदेश में स्थित हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति के सबूत लेटर रोगेटरी भेजकर उन देशों से दस्तावेज मंगाए गए हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 10:31 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 09:28 AM (IST)
Chidambaram Arrested: काफी दूर तक जा सकती है चिदंबरम के खिलाफ जांच की आंच
Chidambaram Arrested: काफी दूर तक जा सकती है चिदंबरम के खिलाफ जांच की आंच

नीलू रंजन, नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ जांच में 'बात निकली है तो दूर तलक जाएगी' की पंक्ति सटीक साबित होती दिख रही है। ईडी और सीबीआइ के दावे पर भरोसा करें तो उनके पास सिर्फ आइएनएक्स मीडिया (जिस मामले में गिरफ्तारी हुई है) की नहीं, बल्कि चिदंबरम की देश-विदेश में फैली हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति भी जांच के दायरे में है। एफआइपीबी क्लीयरेंस की ही लें, तो आइएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस डील के अलावा चार अन्य मामलों में चिदंबरम की भूमिका की जांच की जा रही है।

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देश-विदेश में हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति
ईडी और सीबीआइ का कहना है कि जांच शुरू होने के बाद से ही अग्रिम जमानत पर चल रहे पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने कभी पूछताछ में सहयोग नहीं किया। देश-विदेश में स्थित हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति के सबूत लेटर रोगेटरी भेजकर उन देशों से दस्तावेज मंगाए गए हैं। इसके अलावा जांच के सिलसिले में मारे छापे गए दौरान जब्त किये गए ईमेल, हार्ड डिस्क और अन्य दस्तावेजों में मनी लांड्रिंग से जुड़े अहम दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों के बारे में चिदंबरम से पूछताछ जरूरी है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लगभग डेढ़ साल से एजेंसियां उनसे पूछताछ का इंतजार कर रही है। वे किसी भी कीमत पर पूछताछ के मौके को गंवाने की स्थिति में नहीं हैं। यही कारण है कि सीबीआइ और ईडी की टीम न सिर्फ लगातार चिदंबरम को ढूंढती रही, बल्कि ऐतिहात के तौर पर उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर दिया। ताकि वे देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकें।

कार्ति चिदंबरम की देश-विदेश में कई मुखौटा कंपनियां 
ईडी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार रिश्वत की रकम लेने के लिए कार्ति चिदंबरम ने देश-विदेश में कई मुखौटा कंपनियां बना रखी थी। उन्होंने दावा किया कि वित्तमंत्री के रूप में पी चिदंबरम विभिन्न कंपनियों की गैरकानूनी मदद करते थे, बदले में मुखौटा कंपनियों में रिश्वत की रकम जमा करा दी जाती थी। ईडी ने दावा किया कि ऐसी ही एक मुखौटा कंपनी के खाते में 300 करोड़ रुपये से जमा कराए गए थे। मुखौटा कंपनियों के मार्फत काम करने के तरीके को इस बात से समझा जा सकता है कि एक मुखौटा कंपनी के सभी शेयरहोल्डर और निदेशकों ने अपने शेयर को कार्ति चिदंबरम की बेटी के नाम पर स्थानांतरित करने की वसीयत लिख रखी थी।

पनामा पेपर्स में भी आया है कार्ति की मुखौटा कंपनी का नाम
ईडी ने दावा किया है कि कार्ति चिदंबरम की एक मुखौटा कंपनी में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित एक कंपनी से बड़ी रकम जमा कराई गई थी। ईडी के अनुसार ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित इस कंपनी का नाम पनामा पेपर्स में भी आया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कार्ति और पी चिदंबरम के विदेश स्थित दो दर्जन से अधिक बैंक खाते भी मिले हैं, जिनमें करोड़ की रकम जमा कराई गई थी। ईडी के अनुसार कालेधन की रकम का इस्तेमाल पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम अपने निजी खर्चे में भी करते रहे हैं और इसके भी सबूत हैं। इसके अलावा चिदंबरम के मलेशिया, ब्रिटेन और स्पेन में कई संपत्तियों की जानकारी मिली है। स्पेन में एक टेनिस क्लब और मलेशिया में एक मकान है। जबकि ब्रिटेन में बड़ी कोठी समेत लगभग एक दर्जन अचल संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों की कीमत हजारों करोड़ रुपये हैं।

आइएनएक्स मीडिया के अलावा इन मामलों में भी चिदंबरम की भूमिका संदिग्ध
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ फिलहाल एयरसेल मैक्सिल और आइएनएक्स मीडिया के मामले में जांच चल रही है। इसके अलावा डियागो स्कॉटलैंड, कटारा होल्डिंग्स, एस्सार स्टील और एलफोर्ज में एफआइपीबी क्लीयरेंस में भी चिदंबरम की भूमिका संदेह के घेरे में है और जल्द ही इन सभी मामलों में अलग-अलग केस दर्ज जांच शुरू की जा सकती है।

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