साइबर ठगी पर CBI का बड़ा प्रहार, 8.5 लाख 'म्यूल खातों' का खुलासा; 9 गिरफ्तार
सीबीआई ने साइबर ठगी से जुड़े म्यूल बैंक खातों पर 'ऑपरेशन चक्र-पांच' के तहत बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने पांच राज्यों में 42 ठिकानों पर छापेमारी कर 9 ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। साइबर ठगी से जुड़े म्यूल बैंक खातों पर सीबीआई ने प्रहार किया है। सीबीआई इन खातों से जुड़े पांच राज्यों में फैले 42 ठिकानों पर छापा मारा और नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के अनुसार पूरे देश में फैले बैंक के 700 ब्रांच में 8.5 लाख म्यूल खाते हैं, जिनका उपयोग साइबर अपराधी करते हैं। म्यूल खातों के खिलाफ सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र-पांच नाम से अभियान शुरू किया है।
सीबीआई की प्रवक्ता बीना यादव के अनुसार, म्यूल खातों खोलने और संचालन की साजिश में बैंक से जुड़े कई अधिकारियों, एजेंटों और बिचौलियों की भूमिका देखते हुए सीबीआई ने सबसे पहले इसकी प्रारंभिक जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच के दौरान ही पूरे देश में फैले बैंकों के 700 ब्रांचों में 8.5 लाख म्यूल खातों का पता लगाया गया। इसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई।
8.5 लाख म्यूल खातों से कितने करोड़ की हुई ठगी?
सीबीआई का उद्देश्य म्यूल खातों के इस्तेमाल की साजिश में शामिल आरोपियों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाना है ताकि साइबर ठगी के मामले में बैंकिंग चैनल के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया जा सके। इन 8.5 लाख म्यूल खातों का इस्तेमाल कर कुल कितने करोड़ रुपये की साइबर ठगी की गई, सीबीआई इसका आकलन कर रही है।
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ध्यान देने की बात है कि साइबर अपराधी पीड़ितों से इन्हीं म्यूल खातों में पैसा ट्रांसफर कराते हैं और उसके बाद उन्हें दूसरे खातों में ट्रांसफर किया जाता है। कई मामलों में पैसे को क्रिप्टो करेंसी में तब्दील कर विदेश भेजने के भी सबूत मिले हैं। आरबीआई भी साइबर ठगी में म्यूल खातों के इस्तेमाल पर चिंता जता चुका है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर ऐसे खातों की पहचान करने की कोशिश कर रहा है।
सीबीआई ने जिन पांच राज्यों में छापे मारे, उनमें दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान शामिल है। छापे के दौरान बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक सबूत, मोबाइल, लैपटॉप, केवाईसी से जुड़े दस्तावेज और खातों में लेन-देन के सबूत मिले हैं। इनकी जांच से नौ आरोपियों की पहचान हुई है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। इनमें कोई भी बैंक से जुड़ा अधिकारी या कर्मचारी नहीं है।
ध्यान देने की बात है कि साइबर अपराधी पीड़ितों से इन्हीं म्यूल खातों में पैसा ट्रांसफर कराते हैं और उसके बाद उन्हें दूसरे खातों में ट्रांसफर किया जाता है। कई मामलों में पैसे को क्रिप्टो करेंसी में तब्दील कर विदेश भेजने के भी सबूत मिले हैं। आरबीआई भी साइबर ठगी में म्यूल खातों के इस्तेमाल पर चिंता जता चुका है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर ऐसे खातों की पहचान करने की कोशिश कर रहा है।
सीबीआई ने जिन पांच राज्यों में छापे मारे, उनमें दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान शामिल है। छापे के दौरान बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक सबूत, मोबाइल, लैपटॉप, केवाईसी से जुड़े दस्तावेज और खातों में लेन-देन के सबूत मिले हैं। इनकी जांच से नौ आरोपियों की पहचान हुई है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। इनमें कोई भी बैंक से जुड़ा अधिकारी या कर्मचारी नहीं है।

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